रायपुर। संवाद के पूर्व सीईओ राजेश सुकुमार टोप्पो पर ईओडब्ल्यू ने 2 एफआईआर दर्ज कराई है। ये दोनों ही एफआईआर दो अलग -अलग मामलों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 , 7 सी , 13 (1)(अ) और आईपीसी की धारा 120(बी) अर्थात आपराधिक षडयंत्र के तहत दर्ज की गई है। शासन की ओर से ईओडब्ल्यू के अधिकारी जीवन प्रकाश कुजूर ने यह एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले में मेसर्स क्यूब मीडिया एन्ड ब्रांडिंग प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है। दोनों ही मामले वर्ष 2016 -17 और 2017 -18 में वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े है। इस दौरान राजेश सुकुमार टोप्पो संवाद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर तैनात थे, जबकि दूसरी एफआईआर भी इन्ही धाराओं के तहत दर्ज की गयी है। इसमें राजेश सुकुमार टोप्पो के अलावा मेसर्स मूविंग फिक्सल प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद को भी आरोपी बनाया गया है।

क्या था पूरा मामला:

दरअसल छत्तीसगढ़ संवाद में 21 निविदा प्रक्रियाओं द्वारा सूचीबध्द की गई 48 फर्म्स और एजेंसीज का इम्पैनलमेंट काफी अरसे पहले ही रद्द कर दिया गया था। इन एजेंसीज को कुल 85 करोड़ के कामों में से 61 करोड़ रुपए का पेमेंट भी कर दिया गया। इन्हीं में से एक फर्म ऐसी थी जिसकी निविदा 1 अक्टूबर 2018 को मंजूर हुई, और 6 अक्टूबर को उसने करोड़ों के कार्यों का बिल भी प्रस्तुत कर दिया। इसके अलावा संवाद को वर्ष 2018-19 के लिए 250 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था । वहीं इन लोगों ने 400 करोड़ रुपए खर्च कर डाले? इन्हीं सारी देनदारियों को लेकर आईएएस उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। उसने अपनी रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को सौंप दी। इस खबर को टीआरपी ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। हमारी खबर का असर हुआ कि ईओडब्ल्यू ने संवाद के पूर्व सीईओ राजेश सुकुमार टोप्पो के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज कराए।

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