रायपुर। फोन टैपिंग मामले में फंसे निलंबित आईपीएस डीजी मुकेश गुप्ता गुरूवार को ईओडब्ल्यू दफ्तर पहुँचे। करीब 11.45 को वे ईओडब्ल्यू के दफ्तर अपने वकील के साथ पहुंचे। उन्होंने कैमरे के सामने ज्यादा कुछ नहीं कहा। बस इतना कहा कि आप लोगों ने मेरा पहले भी काम देखा हैं अब जो हो रहा वो भी देख रहे हैं। ईओडब्ल्यू ने निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए 23 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक उपस्थित होने को कहा था। लेकिन गुप्ता आज 25 अप्रैल की सुबह ईओडब्ल्यू पहुँचे। जहां उनसे घंटों सवाल-जवाब किया गया।  

3 घंटे चली पूछताछ :

निलंबित आईपीएस डीजी मुकेश गुप्ता ईओडब्ल्यू के चीफ हुआ करते थे। आज उसी दफ्तर में मुकेश गुप्ता आरोपी बनकर तीन घंटे तक ईओडब्ल्यू के सवालों का जवाब देते रहे और अपना बयान दर्ज कराया। ईओडब्ल्यू ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां ली है। विभाग से मिली जानकारी के मुकेश गुप्ता नोटिस भेजकर इन्वेस्टिगेशन के लिए बुलाया गया था। फोन टेपिंग मामले में उनसे पूछताछ की गई है। जिन विषयों पर पूछताछ की गई है उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।   आपको बता दें कि मुकेश गुप्ता को हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक गुप्ता को राहत देते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया है। इसी के साथ ही न्यायालय ने निलंबित आईपीएस गुप्ता को जांच एजेंसियों के समक्ष उपस्थित होने का आदेश भी दिया था। गौरतलब है कि नान घोटाला मामले की जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर ईओडब्ल्यू ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ अपराध क्रमांक 06/ 2019 166, 166 ए(बी), 167, 168, 193, 196, 201, 466, 471, 120 बी भादवि एवं धारा 25, 26 सहपठित धारा 5(2) भारतीय टेलीग्राफ एक्ट दर्ज कर अपराध की विवेचना शुरू की थी।
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