रायपुर। शनिवार को नान घोटाले में बड़ा मोड़ उस वक्त आया जब महत्तवपूर्ण गवाहों ने किसी भी प्रकार के लेन-देन से इंकार कर दिया। जिससे जिससे एसीबी की थ्योरी को बड़ा झटका लगा है। एसीबी ने आरोप लगाया था कि नान के तत्‍कालीन चेयरमैन डॉ. आलोक शुक्‍ला के निर्देश पर गिरीश शर्मा उनके हिस्‍से की अवैध राशि उनके मित्र डॉ. आनंद दुबे के पास पहुंचाया करता था। आज कोर्ट में डॉ. दुबे का बयान हुआ, जिसमें उन्‍होने ने गिरीश शर्मा से कोई राशि प्राप्‍त होने से इंकार कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि एसीबी ने उनकी ओर से झूठा बयान लिखकर प्रकरण में लगाया था।   दूसरी गवाही शिवशंकर भट्ट के स्‍टेनो टायपिस्‍ट जीतराम यादव की हुई। उसने भी नान मामले में अवैध राशि में हिस्सा मिलने से इंकार किया है तथा यह कहा है कि एसीबी ने उसका भी झूठा बयान प्रकरण में लगा दिया है। जीतराम यादव ने अपने बयान में चावल के परिवहन में किसी प्रकार के अतिरिक्‍त भुगतान अथवा हानि से भी इंकार किया है।   आपको बता दें कि नान प्रकरण में अभी तक 118 गवाहियां हो चुकी हैं।अभी तक किसी भी गवाह ने नान में खराब क्‍वालिटी का चावल उपार्जन करने या अवैध लेन-देन की बात नहीं कही। 24 से अधिक राइस मिलरों और 6 परिवहनकर्ताओं ने भी नान में किसी भी व्‍यक्ति के द्वारा रिश्‍वत की मांग या रिश्‍वत दिये जाने से साफ इंकार किया है।   Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।