रायपुर। आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो यानि ईओ डब्ल्यू के आईजी ने राज्य शासन से पूर्व मुख्य सचिव अजय सिंह और पूर्व डॉयरेक्टर एग्रीकल्चर प्रताप कृदत्त के खिलाफ जांच के लिए अनुमति मांगी है। मामले की जांच के लिए आईजी ने वर्तमान कृषि उत्पादन आयुक्त और कृषि विभाग के एसीएस केडीपी राव को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है। दरअसल अजय सिंह आईएएस अधिकारी हैं,ऐसे में नियमत: उनके खिलाफ जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति ली जाती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अभी चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं, ऐसे में ये माना जा रहा है कि उनके दौरे से लौटकर आने के बाद ही इस मामले में कोई कदम उठाया जाएगा।

क्या है पूरा मामला:

ईओडब्ल्यू के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ के रहने वाले रमाशंकर गुप्ता ने ईओडब्ल्यू को लिखित शिकायत की है। अपने शिकायती पत्र में रमाशंकर गुप्ता ने निवेदन किया है कि तात्कालीन कृषि उत्पादन आयुक्त अजय सिंह और कृषि संचालक प्रताप कृदत्त के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 17 (ए) के तहत जांच की जाए। इन दोनों अधिकारियों ने राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति के माध्यम से बजाज एलायंस जैसी बीमा कंपनियों से मिलीभगत कर राजकोष एवं निविदा प्रक्रिया में मनमानी की है। ऋणी किसानों के बैंक खाते से बैंक और सहकारी समितियों के प्रबंधकों से मिलीभगत कर बोए रकबे से अधिक रकबे का बीमा प्रीमियम किसानों की बिना सहमति के आहरित कर लिया गया है,जिनमें इन दोनों अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। सूत्र बताते हैं कि पूर्व मुख्य सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत और ईओडब्ल्यू की ओर से राज्य शासन से जांच की अनुमति मांगे जाने का यह पहला मामला है। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि हम लोग आईएएस अफसरों को डील करते हैं। ईओडब्ल्यू जिस विभाग की शिकायत होती है उसके आयुक्त को भेजती है। लिहाजा आप कृषि विभाग में पता कर लें। कृषि उत्पादन आयुक्त केडीपी राव ने टीआरपी से कहा कि इस तरह की जानकारी फिलहाल उनके पास नहीं है और उन तक ऐसी कोई भी नस्ती नहीं पहुंची है।   Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।