दन्तेवाड़ा। भाजपा के पिछली सरकार ने 5 वीं अनुसूचित क्षेत्र को संविधान की ओर से मिले विशेष अधिकारों को दरकिनार करते हुए एक निजी कम्पनी को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य से आदिवासियों के जल जंगल जमीन को योजनाबद्ध तरीके से तहस -नहस करने का खाका तैयार किया है।

इसके विरोध में पिछले दो दिनों से बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले के पच्चीस हजार से अधिक आदिवासी आंदोलनरत हैं। इस आंदोलन के समर्थन में बीजापुर विधायक और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी किरंदुल पहुँचे।

यहां उन्होंने लौह आयस्क खनन के विरोध में संघर्षरत आदिवासियों से वादा किया कि किसी भी हाल में हिरोली स्थित पिटोम मेटा पहाड़ जिसमें की सम्पूर्ण बीजापुर दंतेवाड़ा और सुकमा के आदिवासियों के देव स्थल हैं, पर किसी भी कम्पनी को खनन करने नहीं दिया जाएगा।

केंद्र और राज्य सरकार से करेंगे बात:

श्री मंडावी ने अपने देव स्थल को बचाने के लिए आंदोलनरत आदिवासियों से कहा कि इस मसले पर प्रदेश और केंद्र की सरकार से बात करेंगे। यदि केंद्र और राज्य सरकार इनकी बात नहीं सुनती हैं तो वे आपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार हो जाएंगे। श्री मंडावी ने आगे कहा कि किसी भी हाल में बस्तर के आदिवासियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचने नहीं दिया जाएगा।

 

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