रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने आदिवासी हितों की बलि चढ़ाकर उन्हें फर्जी मुठभेड़ में नक्सली बताकर मारने और अतिक्रमण के नाम पर एक आदिवासी महिला को आत्महत्या के लिए विवश करने का आरोप लगाया है।

नैतिकता की सारी हदें पार

श्री नेताम ने प्रशासन के स्तर पर की गई जांच की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि प्रशासन ने माना है कि गत 5 अप्रैल को धमतरी के पास करंजी नाला के पास हुई पुलिस मुठभेड़ में मारे गए दोनों युवक नक्सली नहीं थे। वे आम आदिवासी युवक थे जो शहद निकालने जंगल गए थे। इसी तरह धमतरी में ही एक आदिवासी महिला बिटामिन ध्रुव की मौत पर भी श्री नेताम ने आक्रोश व्यक्त किया। रामविचार नेताम ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रशासनिक अधिकारियों ने न केवल नैतिकता की सारी हदें लांघी, अपितु छुट्टी के दिन महिला के घर पर बुलडोजर चलाकर अमानवीयता की पराकाष्ठा की।

आदिवासी हितों की रक्षा के दावे खोखले

बिटामिन ध्रुव के साथ धक्का-मुक्की व दुर्व्यवहार किया गया जिससे आहत बिटामिन की जहरीला पदार्थ सेवन करने से मौत हो गई। उक्त दोनों घटनाएं प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की विकृत व संवेदनहीन मानसिकता की परिचायक है। यह आदिवासी हितों की रक्षा के कांग्रेसी दावों के खोखलेपन का प्रमाण भी हैं। इन मामलों ने साबित कर दिया है कि भूपेश बघेल की सरकार के रहते प्रदेश में भयमुक्त व सुरक्षित जीवन की अब कोई गुंजाइश नहीं रह गई है।

तत्काल मिले मुआवजा

श्री नेताम ने प्रदेश सरकार से इन दोनों मामलों में तत्काल प्रभाव से कारगर कार्रवाई की मांग करते हुए इनकी सूक्ष्म जांच करने और दोषियों को दंडित करने की जरूरत बताई है। इसे केवल मुठभेड़ या आत्महत्या नहीं, एक तरह की हत्या का मामला माना जाना चाहिए। उन्होंने मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की है। ऐसा न होने पर व्यापक आंदोलन होगा। भाजपा और अजजा मोर्चा की अगुवाई में आदिवासी समाज के हितों की रक्षा की लड़ाई में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी।