रायपुर। डॉक्टरों की हड़ताल का खामयाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। देशभर में बंगाल में हुई हिंसा की आंच का असर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सबसे बड़े डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में भी दिख रही है। जहां पर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है। इसका खामियाजा सबसे ज्यादा मरीजों को चुकाना पड़ा। डॉक्टर्स अस्पताल के अंदर ही हड़ताल पर बैठे हुए हैं। जिससे अस्पताल प्रबंधन में अव्यवस्थाओं का जमावड़ा लग गया है।

मरीजों को अस्पताल के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। जिससे मरीज बाहर धूप में ही इलाज के लिए इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उनकी कोई सुनने वाला कोई नहीं है। गांव के दूराज इलाके से इलाज कराने आए मरीज भीषण गर्मी में बाहर खड़े हैं। जिससे उनकी तबीयत और भी ज्यादा बिगड़ गई। इतना ही नहीं एक नवजात से उसकी मां को भी इस हड़ताल ने दूर कर दिया। दरअसल आज अस्पताल में एक ऐसी महिला को उपचार के लिए लाया गया जिसने कुछ देर पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया। महिला की हालत अत्यंत गंभीर थी जिसके कारण उसे उपचार के लिए मेकाहारा रेफर किया गया।

ऐसे कई मरीज आज सुबह से ही अस्पताल में परेशान रहे और ईलाज के लिए ईधर-उधर भटक रहे है। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स हड़ताल पर है और इसका समर्थन करने के लिए मेकाहारा के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल में उतरें हैं। मगर सवाल है कि जिन डॉक्टरों को मरीजों की जान बचाने का ज्ञान दिया जाता है उनके लिए क्या जरूरी है मरीज का सहीं समय पर उपचार या हड़ताल?