रायपुर। राजद्रोह की धारा लगने के बाद चर्चा में आए मांगीलाल द्वारा सीएम भूपेश बघेल को लिखी गई चिट्ठी से सियासी घमासान मच गया है। मांगीलाल की चिट्ठी पढ़ने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने साफतौर पर कहा है कि मांगीलाल की चिट्ठी पढ़ी है और क्या बोला है वह भी सुना है। इससे भाजपा की असलियत का पता चलता है। भाजपा की कार्यशैली क्या है वह उजागर हुई है।

आपको बता दें मांगीलाल ने सीएम भूपेश बघेल को एक चिट्टी लिखी है। चिट्ठी में उसने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता उसके ऊपर सीएम भूपेश बघेल और बिजली कंपनी के मानहानि का वाद दायर करने का दबाव बना रहे हैं। गौरतलब है कि मांगीलाल के एक वीडियो के वायरल होने पर बिजली कंपनी की रिपोर्ट पर उनके खिलाफ पुलिस ने राजद्रोह की धारा 124 ए लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन मामले की खबर सामने आते ही सीएम भूपेश बघेल ने डीजीपी डीएम अवस्थी को फोन कर अपनी नाराजगी जताई थी और राजद्रोह की धारा हटाने का उन्हें निर्देश दिया था। सीएम के निर्देश पर पुलिस ने मांगीलाल के खिलाफ लगी राजद्रोह की धारा हटा ली थी।

उधर इस मामले ने प्रदेश की सियास तो गरमा दिया था। जिसके बाद भाजपा और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस पार्टी ने वर्तमान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जमकर आरोप लगाए थे।

मांगीलाल का कथित पत्र प्रायोजित

इस मामले में भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि पहले तो कांग्रेस ने अपने खिलाफ आरोप लगाने वाले मांगीलाल नामक व्यक्ति पर राजद्रोह का मामला लगवा दिया। जब भाजपा ने कड़ा विरोध किया तो मुख्यमंत्री ने तथाकथित संवेदनशीलता दिखाते हुए पुलिस प्रमुख को आदेश दिया कि राजद्रोह की धारा हटा दें। उसके बाद कांग्रेस के मैनेजरों के जरिए मांगीलाल का कथित पत्र प्रायोजित किया और अब उसी के हवाले से भाजपा की कार्यशैली पर उंगली उठा रहे हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री और उनके शासन प्रशासन के साथ ही कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली सभी के सामने आ चुकी है और यह उत्पीड़न का कोई पहला मामला नहीं है। पूरे प्रदेश में ऐसे कई मांगीलाल माननीय भूपेश बघेल जी की कृपा से उत्पीड़न का शिकार हो चुके हैं। प्रदेश में बिजली कटौती की समस्या, नागरिकों के दमन सहित तमाम मुद्दों पर भूपेश बघेल सरकार को घेरने और जनहित में काम करने के लिए बाध्य करने भाजपा ने जो जन जागरण अभियान आरंभ करने का निर्णय लिया है उससे बौखलाए कांग्रेसीयो ने अपने नेता की छवि निखारने के लिए पीडि़त व्यक्ति पर ही दबाव बनाया होगा?