रायपुर। जिले के मंदिर हंसौद थाना क्षेत्र में राजू ढाबा के सामने अप्रैल में बड़ी मात्रा में तंबाकू- गुटखा और बीड़ी(gutkha businessman) जब्त हुई थी। ये कार्रवाई दिल्ली की एक गुटखा कंपनी के मैनेजर की शिकायत पर हुई थी। घटना को हुए तीन माह से ज्यादा का समय गुजर गया मगर आरोपी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया। ऐसे में सवाल तो यही है कि आखिर गुटखा कारोबारी को पकड़ने में पुलिस के हाथ क्यों कांप(trembleing hands of Policemans) रहे हैं?
जांच के नाम पर अटका है मामला:
मंदिर हंसौद थाने के टीआई मनीष सिंह परिहार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। जल्दी ही टीम आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी। बावजूद इसके अभी तक जिम्मेदार खुलेआम घूम रहे हैं। उनको अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। ऐसे में कहीं न कहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाना लाजिमी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उड़ाई जा रही धज्जियां:
सुप्रीम कोर्ट ने तंबाकूयुक्त जर्दा, गुटखा, जैसी नशीली चीजों की बिक्री पर रोक लगा रखी है। तो वहीं छत्तीसगढ़ में सरेआम माननीय अदालत के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां तीन माह पहले पकड़े गए गुटखे, तंबाकू और बीड़ी की खेप के जिम्मेदा की सारी खबरेंरों पर आज तक पुलिस कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर सकी है। क्या ये देश की शीर्ष अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं है? अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे रखा है तो फिर पुलिस के हाथ क्यों कांप रहे हैं?
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