रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने प्रदेश की स्वच्छता दीदियों को बड़ी सौगात दी है। शनिवार को सीएम ने स्वच्छता दीदियों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की है। इसी के साथ सीएम भूपेश बघेल ने नगरीय निकायों से जुड़े कई अहम ऐलान किये हैं। जिसमें नगर पालिका/पंचायत अध्यक्षों को वित्तीय अधिकार दिया गया गया है। विकास कार्यों हेतु डेढ़ सौ करोड़ दिये जाने की घोषणा भी की है। बघेल ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 पुरस्कार योजना के तहत प्रदेश के 23 नगरीय निकायों को सम्मानित किया।

स्वच्छता दीदियों को मिलेगा 6000 रुपए प्रति माह

अब स्वच्छता दीदियों (women sanitation worker) को कुल 5000 रु प्रति माह मानदेय की जगह 6000 रु प्रति माह मानदेय प्रदान किया जाएगा। ज्ञात हो कि प्रदेश के 166 नगरीय निकायों में दस हज़ार स्वच्छता दीदियों के माध्यम से प्रतिदिन घर घर से गीले-सूखे कचरे को एकत्रित किया जाता है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने आज नगर पालिक एवं पंचायतों के अध्यक्षों को पुनः वित्तीय अधिकार प्रदत्त किए जाने की घोषणा की। विकास कार्यों हेतु बड़ी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रत्येक नगर निगम को आबादी एवं आवश्यकता के अनुसार 5 से दस करोड़ रु, 44 नगर पालिकाओं हेतु एक-एक करोड़ एवं 111 नगर पंचायतों हेतु 50-50 लाख रु प्रदान किए जाने की घोषणा की।

बोर को रूफ वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ा जा सकता है

जल संरक्षण हेतु गंभीर मुख्यमंत्री ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain Water Harvesting) हमारे लिए नई चीज नहीं है। हमारे पुरखे भी गुजरात और राजस्थान में पानी का संरक्षण करते थे। सबसे अच्छा जल संरक्षण का उदाहरण पोरबंदर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के घर में है। उनके घर में छत का पानी घर के आंगन में बने कुंए में एकत्र किया जाता था। लोग अपने आंगन में कुंए में छत का पानी एकत्र कर सकते हैं, असफल बोर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ सकते है या छत का पानी जमीन के अंदर डाल सकते है। मुख्यमंत्री ने अपने घर का उदारहण देते हुए कहा कि वर्ष 2001 में ही अपने घर में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग (Roof Water Harvesting) करवाई थी। इस गर्मियों में मोहल्ले के बोर में पानी सूख गया लेकिन मेरे घर में पानी था।

15 हजार 500 भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग

नगरीय प्रशासन एंव विकास मंत्री डाॅ. शिव कुमार डहरिया ने कहा कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 47 हजार भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसके विरूद्ध अबतक 15 हजार 500 भवनों में यह कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेयजल आवर्धन योजनाओं के माध्यम से 3 लाख 50 हजार परिवारों को उनके घर में नल कनेक्शन देकर पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। खाद्य मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि ग्लोबल वार्मिग की वजह से मौसम बदल रहा है।

चेरापूंजी में सबसे अधिक वर्षा होती थी लेकिन अब वहां एक-एक बूंद के लिए लड़ाई होती है। उन्होंने कहा कि पहले चेक डेम आदि बनाकर वाटर रिर्चाजिंग का प्रयास किया जाता था, लेकिन यह ज्यादा सफल नहीं हो पाया। राज्य सरकार द्वारा नरवा योजना के माध्यम से प्राकृतिक जल स्त्रोतों को पुर्नजीवित करने का प्रयास किया जा रहा है।

 

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