रायपुर। कल का दिन देश के लिए ऐतिहासिक अवसर था। सदियों पुरानी एक कुप्रथा से मुक्ति करोड़ों बहनों को मिली है। यह बदलते भारत की शुरुआत है। मुस्लिम महिला भी अब नहीं कह सकती मैं अबला हूं। अब वह सबला हो गईं है। यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह (Former CM Dr Raman Singh) ने बुधवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने आगे कहा कि तीन तलाक (Triple Talaq Bill) का बिल राज्यसभा में पास हुआ। यह मोदी सरकार का बड़ा साहसिक फैसला था। मौलिक अधिकार की वास्तविक बहाली इस विधेयक के रूप में हुई है। यह मील का पत्थर साबित होगा।

राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद लागू हो जाएगा कानून

कांग्रेस समेत विपक्ष के जो 84 लोग इस विधेयक को अनेक बहानों से लटकाना चाह रहे थे, वे दरअसल 1984 में बने राजीव गांधी जी की सरकार द्वारा शाहबानों मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल देने वाले इतिहास को ही दुहरा रहे थे। तब 1985 में राजीव गांधी जी की सरकार ने बहुमत के दम पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल कर शाहबानों को कोर्ट द्वारा मिले गुजारा भत्ता का अधिकार छीन लिया था। 1985 में शाहबानो थी और 2017 में शायरा बानो, जिनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की 1400 साल पुरानी प्रथा को असंवैधानिक करार दिया था और सरकार से कानून बनाने को कहा था।

ऐतिहासिक गलती हुई दुरुस्त

शाहबानो प्रकरण के बाद देश ने कांग्रेस को कभी माफ नहीं किया है। तीन मुद्दों पर काफी बहस हुई, पहले कहा गया जमानत का प्रावधान नहीं है। न्यायालय में समझौता का अधिकार जोड़ा गया। शिकायत का अधिकार पत्नी करेगी। इन तीन विषयों पर लोकसभा व राज्यसभा में बहस हुई। डॉ. रमन सिंह (Former CM Dr Raman Singh) ने कहा कि ऐतिहासिक गलती को दुरुस्त करने का काम इस कानून के जरिये किया गया है। सदन में जागरूक दल ने इसका स्वागत किया। देश मे उत्सव का अधिकार मिला। अब मुस्लिम बहनों को आजादी के साथ बेहतर जिंदगी जीने का रास्ता मिल गया है।

उन्होंने कहा कि एनडीए 2 ने बता दिया कि आने वाले दिनों में किस तेजी से निर्णय होंगे। बीजेपी ने पहले भी कहा था जब पूर्ण बहुमत होंगे तब कई ऐतिहासिक फैसले लिए जाएंगे। तीन तलाक (Triple Talaq) पाकिस्तान समेत कई देशों में नहीं है। कई देशों ने इससे मुक्ति पा ली है, हम ही इसे ढोकर चल रहे थे।

 

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