रायपुर। अंतागढ़ टेप कांड (Antagarh tape scandal)में मंतूराम पवार (Manturam Pawar) के बयान के बाद से राजधानी में सियासी घमासान मचा हुआ है। सोमवार को कांग्रेस के तमाम नेता भाजपा नेताओं की शिकायत करने ईडी के कार्यालय पहुंचे। इनमें कांग्रेस के नेता और मेयर प्रमोद दुबे, किरनमयी नायक, विकास उपाध्याय, रमेश वर्ल्यानी और विकास उपाध्याय सहित तमाम नेता शामिल थे।

क्या कहना है इन नेताओं का:

इन लोगों ने इसकी शिकायत ईडी से की। कार्यालय में मौजूद सक्षम अधिकारी को इन लोगों ने बताया कि अपने इकबालिया बयान में मंतूराम पवार (Manturam Pawar) का कहना है कि एक मंत्री के सरकारी बंगले में 7.5 करोड़ रुपए में ये डील हुई थी। वहीं मंतूराम (Manturam Pawar) का अदालत में कहना ये भी है कि उनको पैसा नहीं मिला। उनको वहां के एक एसपी ने धमकी दी थी कि अगर नहीं माने तो उनका भी हश्र वही होगा जो झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं का हुआ था। तो पहले तो इस बात की जांच होनी चाहिए कि इतना पैसा आखिर मंत्री के बंगले में आया कहां से? उसका स्रोत क्या था? इसके अलावा सरकारी ड्यूटी करने वाले पुलिस अधीक्षक ने ये धमकी क्यों दी? उसकी इस कांड में क्या भूमिका है? कोर्ट में बयान दर्ज करने के दौरान मंतूराम ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman Singh,), पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी(Ajit Jogi), डॉ. पुनीत गुप्ता (Dr. Puneet Gupta) और अमित जोगी (Amit Jogi) का नाम लिया था।

अपना काम कर रहा है कानून: अकबर

उधर कांग्रेस भवन में मामलों की सुनवाई करने पहुंचे वन मंत्री मोहम्मद अकबर (Forest Minister Mohammad Akbar) ने ये कहते हुए इस मामले से किनारा कर लिया कि मामला अदालत में है। कानून अपना काम कर रहा है। ऐसे में इस पर कुछ ज्यादा करने की कोई जरूरत नहीं है।

पुलिस अधीक्षक की जरूर होगी जांच: चौबे

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे (Agriculture Minister Ravindra Chaubey) ने कहा कि पुलिस अधीक्षक की भूमिका की भी जांच होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपना काम कर रहा है।

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