रायपुर। हनी ट्रैप मामले (Honey Trap Case) के तार छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं। ऐसे में हनी ट्रैप मामले में सूबे के गृह मंत्री का बड़ा बयान आ रहा है। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू (Tamradhwaj Sahu) ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि हनी ट्रैप के तार यदि छत्तीसगढ़ से जुड़ रहे हैं तो इसमें कार्रवाई की जाएगी। किसी को बचाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अगर मध्यप्रदेश की पुलिस जांच के सिलसिले में यहां आती है तो उन्हें पूरा सहयोग किया जाएगा।

दरअसल आरंभिक जांच में गिरोह के कॉल डिटेल्स से कई चौंकाने वाली जानकारी मिल रही है कि छत्तीसगढ़ के नेता और बड़े अधिकारी भी इन सुंदरियों के संपर्क में थे। मध्यप्रदेश (MP Honey Trap Case) में बड़े राजनेता और नौकरशाहों को फंसाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाली हाईप्रोफाइल महिलाओं के इस गिरोह का खुलासा 19 सितम्बर को हुआ।

कैसे हुआ खुलासा

यह गिरोह इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत के बाद सामने आया है। पुलिस ने 4 महिलाओं और उनके कार ड्राइवर के साथ गिरफ्तार किया। उनके लैपटॉप, मोबाइल और उनसे 14.17 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। लैपटॉप में अन्य लोगों के आपत्तिजनक वीडियो व फोटो की जानकारी मिली है।

कौन हैं हनी ट्रैप की सुंदरियां 

हनी ट्रैप में श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी भटनागर और आरती दयाल पकड़ी गई हैं। आरोपियों से कई मोबाइल फोन व लैपटॉप जब्त किए गए।

मध्यप्रदेश के साथ छत्तीसगढ़ से भी संबंध

हनी ट्रैप ((Honey Trap) मामले की आरोपी महिलाओं के कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (सीडीआर) और एसएमएस से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। हनी ट्रैप के जाल में भाजपा (BJP) संगठन के बड़े पदाधिकारी का नाम भी सामने आया है। प्रारंभिक तौर पर हनी ट्रैप में पकड़ी गई श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी भटनागर (Barkha) और आरती दयाल के कॉल डिटेल्स में मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नेताओं के संबंध पाए गए हैं।

मोबाइल से देर रात चैटिंग

हनी ट्रैप रैकेट (Honey Trap Racket) की सुंदरियों से कई नेताओं और आईएएस-आईपीएस से रात दो-दो बजे तक फोन कॉल और मोबाइल से चैटिंग का रिकॉर्ड मिला है।

पांच करोड़ रुपए तक होती थी वसूली 

इस मामले की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये हसीनाएं पहले NGO के काम के बहाने नेताओं और अधिकारियों से संबंध बनाती थी। जिसका फायदा उठाते हुए ये अश्लील वीडियो और ऑडियो तैयार करती थीं। इनके जरिए वे उन्हें ब्लैकमेल कर दो करोड़ से पांच करोड़ रुपए तक वसूली करती थी।

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