यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम समेत 5 योजनाओं का शुभारंभ

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 150 वी जंयती के अवसर पर 5 नई बड़ी योजनाओं की शुरूआत की। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान योजना, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना, मुख्यमंत्री सार्वभौम पीडीएस योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना प्रमुख हैं।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ में 5 वर्ष से कम आयु के 37.6 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। इतना ही नहीं 15 से 49 वर्ष की 41.5 प्रतिशत महिलाएं भी एनिमिया से पीड़ित हैं। इन्हें इस योजना से लाभ मिल सकेगा। बस्तर समेत कुछ ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सुपोषण अभियान पहले ही प्रारंभ है। जिसके तहत पंचायतों और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कुपोषित बच्चों और एनीमिक महिलाओं को गर्म और पौष्टिक भोजन प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है। सुपोषण अभियान के तहत 0 से 5 वर्ष के कुपोषित बच्चों और एनिमिया से पीड़ित 15 से 49 वर्ष की महिलाओं को पंचायतों और महिला समूहों के माध्यम से पौष्टिक गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लिए सीएम भूपेश ने अपनी ओर से 25 हजार रुपये देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना

प्रदेश के आदिवासी और वनांचल क्षेत्रों में अस्तपाल दूर होने के कारण लोगों को नियमित रूप स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नही हो पा रही थी। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का हाट-बाजारोें में आना जाना लगा रहता है। इसे देखते हुए हाट-बाजारों में मेडिकल टीम द्वारा लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जा रही हैं। बस्तर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह योजना आरंभ है। स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम, चिकित्सकों और आवश्यक उपकरणों सहित पहुंचकर न केवल लोगों का उपचार कर रही हैं बल्कि रक्त परीक्षण सहित अन्य पैथोलाॅजी जांच व दवाओं का प्रदान किया जा रहा है। साप्ताहिक हाट बाजारों इलाज की सुविधा दिए जाने से इन क्षेत्रों में 5 से 10 गुना ओ.पी.डी. बढ़ गई है।

मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना

छत्तीसगढ़ के वनांचलों और दूरस्थ इलाकों के हाट-बाजारों में मोबाइल मेडिकल टीम (Mobile Medical Team) द्वारा किए जा रहे इलाज के अच्छे परिणाम को देखते हुए शहरी स्लम क्षेत्रों में इस योजना की शुरूआत की गई। प्रदेश के 13 नगर निगमों के स्लम क्षेत्रों में सप्ताह में एक दिन सवेरे 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक मोबाइल मेडिकल टीम मौजूद रहकर लोगों का इलाज करेंगी। मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा कुछ जरूरी जांच के साथ ही निःशुल्क दवाईयां भी दी जाएंगी। प्रदेश के 13 नगर निगमों में करीब एक लाख 71 हजार परिवार स्लम क्षेत्रों में रहते हैं। इन परिवारों के लगभग 7 लाख 80 हजार लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा।

यूनिवर्सल पीडीएस स्कीम

राज्य के सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु सार्वभौम/यूनिवर्सल पीडीएस (Universal PDS) का शुभारंभ किया जा रहा है। अब राज्य सरकार द्वारा बीपीएल के साथ-साथ एपीएल परिवारों को भी खाद्यान्न प्रदान किया जाएगा। सार्वभौम पीडीएस स्कीम में प्राथमिकता राशनकार्डो की खाद्यान्न की पात्रता में वृद्धि की गई है। एक सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 से 5 सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो तथा 5 से अधिक सदस्य वाले परिवार के लिए 7 किलो प्रति सदस्य प्रतिमाह चावल एक रु प्रति किलो की दर से प्रदान किया जाएगा। परिवारों की पात्रता में वृद्धि से खाद्यान्न आबंटन में लगभग 22 हजार टन की वृद्धि हुई है। सार्वभौम पीडीएस कें अंतर्गत सामान्य परिवारों (आयकरदाता एवं गैर आयकरदाता) को भी शामिल किया गया है। चना व नमक के वितरण के साथ ही शहरी गरीबों को मिट्टी तेल प्रदाय किया जाएगा।

मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय

नागरिक सेवाओं की तत्काल उपलब्धता और लोगों को उनकी मांगों के अनुरूप सुविधाएं मुहैया कराने हेतु शहरों में मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय शुरू हो रहे हैं। पहले चरण में प्रदेश के 13 नगर निगमो में ये कार्यालय शुरू किए जाने हैं। इनके माध्यम से स्वच्छता, पर्यावरण, स्ट्रीट लाइट, सड़क रखरखाव, नालियों की सफाई और जल आपूर्ति संबंधी शिकायतों का समय-सीमा में निराकरण किया जाएगा। लोगों को नवीन व्यापार लाइसेंस, लाइसेंस नवीनीकरण, संपत्ति कर, जल कर, समेकित कर के भुगतान और सामुदायिक भवन के आरक्षण जैसी नागरिक सुविधाएं भी मिलेंगी। तीन लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों में दो वार्डों के लिए एक कार्यालय और दो से तीन लाख की आबादी वाले नगर निगमों में तीन वार्डों के लिए एक मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय खोले जाएंगे। कार्यालयों में निर्धारित तिथियों पर सुबह 9- दोपहर 1 बजे तक निगम के लोक निर्माण, राजस्व, बाजार और स्वास्थ्य शाखा के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहकर लोगों की समस्याओं का निराकरण करेंगे।

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