रायपुर। जेजीसीजे (JCCJ) प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी (Amit Jogi) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
(PM Narendra Modi ) के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किये गये कामों के कायल हो गये है
और उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि शीतकालीन सत्र में जेसीसीजे पीएम मोदी के 6 कामों को
लेकर धन्यवाद प्रस्ताव (Vote of thanks) लेकर आएगी।
अमित जोगी ने अजीत जोगी और पीएम मोदी के साथ की पुरानी तस्वीर भी शेयर की है जिससे
अमित जोगी के मोदी प्रेम से ये कयाश लगाये जा रहे है कि अंदर खाने भाजपा और जेसीसीजे की
बीच कुछ-कुछ ना कुछ पक जरूर रहा है। वैसे तो जेसीसीजे को लेकर कांग्रेस हमेशा से आरोप
लगाती रही है कि जेसीसीजे भाजपा की बी टीम है लेकिन इस आरोप पर दोनों ही पार्टियां कांग्रेस
को ही घेरती रही है।
अमित जोगी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की छः उपलब्धियाँ
(Pm modi 6 Achievements) उन्हें राष्ट्रीय स्तर के नेता बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाले अन्य
सभी राजनीतिज्ञों से एक अलग पायदान में स्थापित करता है।
पहला : स्वच्छता अभियान को राष्ट्रीय मुद्दा बनाना.
दूसरा : उच्च स्तर के आवास ग्रामीणों को उपलब्ध कराना.
तीसरा : कश्मीर में अनुच्छेद 35-ब और 370 को समाप्त कर एक ऐतिहासिक भूल को सुधारने का
सराहनीय और साहसी कदम लेते हुए उसे राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ना.
चौथा : अंतराष्ट्रीय स्तर में भारत को उनके व्यक्तित्व और अन्य वैश्विक नेताओं के साथ व्यक्तिगत
सम्बन्धों के आधार पर अभूतपूर्व सम्मान और महत्व दिलाना.
पाँचवा : उच्च स्तरीय राजनीति में पनपते VIP कल्चर, भ्रष्टाचार और परिवारवाद पर नकेल कसना.
छठवां : ‘सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास’ की समावेशी बात करना।
इन्हीं छः उपलब्धियों के कारण जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने दलगत राजनीति से ऊपर उठके
आगामी विधानसभा सत्र में उनके प्रति धन्यवाद प्रस्ताव लाने का अभूतपूर्व और ऐतिहासिक फ़ैसला
लिया है। उन्होंने ये भी लिखा है कि इसका मतलब ये नहीं है कि भाजपा का वे समर्थन करेंगे।
भूपेश बघेल पर बोला हमला :
अमित जोगी ने जहां मोदी की तारीफ पर धन्यवाद प्रस्ताव लाने की बात कही है तो वहीं भूपेश बघेल
पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस को ऐतिहासिक जनादेश बदलाव
लाने के उद्देश से दिया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में विगत 9 महीनों में सरकार ‘बदलाव’ की
बात को भूल कर ‘बदले’ की राह पर निकल पड़े हैं।
अमित जोगी के सरकार पर आरोप :
(1) 10 दिनों में हर किसान का हर क़र्ज़ा माफ़ करने की घोषणा करने वाली सरकार 10 महीने में
मात्र 10% क़र्ज़ा माफ़ कर पाई है;
(2) शराबबंदी की जगह पूरे प्रदेश को शराब के दाम, ब्रांड, काउंटर और टाइम बढ़ाकर छत्तीसगढ़
को शराबमण्डी में बदल चुकी है;
(3) प्रशासनिक अक्षमता और वित्तीय दिवालियापन के कारण सरकारी गौठान गौहत्या का केंद्र बन चुके हैं;
(4) बिजली बिल हाफ़ करने की जगह बिजली हाफ़ हो चुकी है;
(5) शासकीय सेवाओं के ट्रान्स्फ़र, चखना और राशन दुकानों, कोयले, लोहे, रेत और मुर्रम की खदानों के
ठेकों की बंदरबाँट और शराब की अवैध तस्करी ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं;
(5) मुख्यमंत्री और उनके चुनिंदा सलाहकारों ने बाकि मंत्रियों के सभी अधिकार छीनकर उन्हें नपुंसक बना दिया है;
(6) राजनीतिक विरोध की आवाज़ को डराने, दबाने और कुचलने के लिए पुलिसतंत्र का खुला दुरुपयोग
और क़ानून की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं;
(7) पैसे, पुलिस और प्रशासन के बल पर विधान सभा उपचुनावों, नगरी निकाय और पंचायती राज चुनावों में
दलबदल और ख़रीद-फ़रोख़्त को बढ़ावा देके सीधे-सीधे लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है;
(8) साम्प्रदायिकता और जातिवाद का नासूर फैलाने में मुख्यमंत्री और उनके पिता जी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं; और
(9) अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए कभी गोडसे, कभी वीर सावरकर और कभी मर्यादा पुरोषोत्तम
भगवान राम को राजनीतिक रोटियाँ सेकने के लिए बेवजह घसीटा जा रहा है।
अमित जोगी का पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल पर कटाक्ष :
अमित जोगी ने लिखा कि सरकार को घेरने का दायित्व प्रमुख विपक्षी दल भाजपा का होना चाहिए लेकिन
उनके शीर्ष प्रादेशिक नेता डॉक्टर रमन सिंह (Ex CM Dr. Raman singh) खुद को और उनके परिवार
को भ्रष्टाचार की जाँच से बचाने के उद्देश से- या फिर मुख्यमंत्री से अपनी मित्रता निभाने में बृजमोहन अग्रवाल
मौन धारण किये हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा कोमा में हैं। भाजपा के केंद्रिय नेतृत्व को इस बात का आभास है
कि उनकी प्रदेश इकाई विरोध के नाम पर केवल बयानबाज़ी तक ही सीमित है। इसलिए उन्होंने लोक सभा
में अपने सभी सांसदों का टिकट काट दिया और 2023 में सभी विधायकों का भी यही हश्र होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी- और उनके आका आरएसएस (RSS) के सरसंघचालक मोहन
भागवत जी (Mohan Bhagwat) को इस बात का अहसास है कि छत्तीसगढ़ में उनके पास नया नेतृत्व विकसित
करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। राष्ट्रहित में हम उनका विरोध नहीं करेंगे किंतु प्रदेशहित में
हमें ऐसा करना आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य है।
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