टीआरपी न्यूज/महासमुंद। छत्तीसगढ़ के सीमा पर स्थित कस्बों की सोयायटी में फर्जी ऋण पुस्तिका से धान बेचे जाने की खबर तो आम हो चली है मगर ताजा मामले जो जानकारी सामने आई है वो चौंकाने वाली है।

दरअसल धान कोचिया फर्जी ऋण पुस्तिका का सहकारी समितियों में अपना धान खपाने के लिए उपयोग करते रहे हैं वहीं फर्जी ऋण पुस्तिका से लिए गए लाखों रुपए कृषि ऋण भी सरकार ने माफ कर दिए।

ऐसे कई मामलों का खुलासा पुलिस जांच में महासमुंद जिले के पिथौरा में सामने आया है।

जिसमें फर्जी ऋण पुस्तिका के सहारे 10 से ज्यादा बैंकों से ऋण लिया गया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन की कर्ज माफी में योजना में इन फर्जीवाड़ों के भी करोड़ों रुपए माफ हो गए हैं।

इतना ही नहीं इन फर्जी पट्टों से लगातार समर्थन मूल्य पर धान भी बिकता रहा और बोनस की राशि भी मिलती रही।

बता दें कि दीपावली के ठीक एक दिन पहले पिथौरा पुलिस ने क्षेत्र में विगत सात वर्षों से फर्जी ऋण पुस्तिका से विभिन्न बैंकों एवं सोसाइटियों से केसीसी लोन हासिल कर धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले गिरोह के सात लोगों को धर दबोचा और मामले का पर्दाफाश किया है।

बेलडीह, बुंदेली और बरेकेल सोसाइटी में बड़ा खेल

समर्थन मूल्य पर खरीदे जा रहे धान में इन फर्जी पट्टों से भी भारी मात्रा में धान बिकता रहा है।

पिथौरा क्षेत्र के सर्वाधिक गड़बड़ी का क्षेत्र बेलडीह, बुंदेली और बरेकेल सोसाइटी को बताया जा रहा है, जहां पर फर्जी ऋण पुस्तिका से समर्थन मूल्य पर धान बिक्री किए जाने का खेल किया गया है।

राजस्व कर्मियों से सांठगांठ

फर्जीवाड़ा गिरोह में शामिल लोगों ने कुछ राजस्व कर्मियों से सांठगांठ कर जंगल एवं राजस्व विभाग के शासकीय जमीन जिसमें बड़े झाड़ के जंगल तक शामिल हैं, का भी फर्जी पट्टा बनाकर एवं राजस्व खसरा नंबर का उपयोग कर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया है।

खंगाले जा रहे रिकार्ड

पिथौरा पुलिस क्षेत्र के उन सभी बैंकों एवं सोसाइटियों से जानकारी उपलब्ध कराने पत्र लिखा है, जहां से फर्जीवाड़े होने के संदेह हैं।

 

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