टीआरपी डेस्क। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि विवाद मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रतिक्रिया

देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में रहा।

 

आइए जानते हैं किसने क्या लिखा….

1- पाकिस्‍तान के डान अखबार ने इस मामले में बेहद तल्‍ख टिप्‍पणी की है। अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित

रिपोर्ट में डान ने लिखा है कि, “भारत के सुप्रीम कोर्ट ने ने शनिवार को विवादित भूमि पर हिंदुओं

के पक्ष में फैसला सुनाया। अयोध्या की भूमि पर एक मंदिर का निर्माण किया जाएगा। यह वही जगह है जहां

कट्टरपंथी हिंदुओं ने 1992 में 16 वीं शताब्दी की एक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था।”

 

हालांकि डान ने इस फैसले को हिंदू राष्‍ट्रवादियों की बड़ी जीत बताया। इसे पाकिस्‍तानी मीडिया ने अयोध्‍या पर

फैसले को राजनीति से भी जोड़कर देखा और कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनाव में

राम मंदिर बनाने का वादा किया था, जिसके बूते ही वे सत्‍ता में आए।

 

2- वाशिंगटन पोस्‍ट ने अपने शीर्षक में इसे भारत का सबसे विवादित धार्मिक स्‍थल बताया। पोस्‍ट ने अपनी

वेबसाइट पर लिखा है कि, “दशकों पुराने विवाद में सामने आया यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए

एक बड़ी जीत है। हिंदू भगवान राम को एक मंदिर का निर्माण भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का

लंबे समय से उद्देश्य रहा है।” वाशिंगटन पोस्‍ट ने पीएम मोदी के उस ट्वीट का भी उल्‍लेख किया है, जिसमें

उन्‍होंने देश से शांति बनाए रखने की अपील की थी।

 

3- द एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून ने इसे हिंदू राष्‍ट्रवादियों की जीत बताया है। खबर में लिखा है कि भारत की सुप्रीम कोर्ट

ने हिंदू मंदिर के निर्माण का रास्‍ता साफ कर दिया है। आगे यह भी कहा है कि, मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय

जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों सहित भारत के बहुसंख्यक हिंदू कट्टरपंथियों का मानना है कि भगवान राम

का जन्म अयोध्या में हुआ था।

 

4- न्‍यूयार्क टाइम्‍स ने लिखा है कि, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शनिवार को हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया।

इसे लेकर मुसलमानों का दावा है कि तीन दशक पहले वहां मस्जिद जहां खड़ी थी जिसे उन्मादी भीड़ द्वारा

ध्वस्त किया गया था।

 

यह निर्णय हिंदुओं को एक मंदिर का निर्माण करने की अनुमति देता है। कई हिंदुओं का मानना है कि विवादित

स्थल उनके पूजनीय भगवान राम का जन्मस्थान था और मुगल शासन से पहले के मंदिर को ध्वस्त

कर दिया गया था।

 

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