टीआरपी डेस्क। सामान्‍यतया हम सभी में किसी न किसी बात को लेकर चिंता होती है लेकिन यदि यह चिंता

ज्‍यादा हो जाती है तो तनाव (Stress) का कारण बन जाती है। हेल्थ-टेक स्टार्टअप विवांत के एक नए सर्वे में

यह दावा किया गया है कि 30 फीसद कामकाजी पेशेवरों को काम के दौरान मानसिक और भावनात्मक

जोखिमों से जूझना पड़ता है और 28 फीसद लोग अवसाद से ग्रसित रहते हैं।

 

हालांकि, अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (University of California) के अध्‍ययन में दावा किया

गया है तनाव की समस्या को गहरी नींद लेकर खत्म किया जा सकता है। अध्‍ययन में यह भी पाया गया था

कि कम नींद लेने की वजह से लोगों में गुस्सा और चिड़चिड़ाहट बढ़ रहा है। व्यवहार में आ रहे इस

परिवर्तन का सीधा असर मानसिक क्षमता पर पड़ रहा है। अध्‍ययन के मुताबिक, गहरी नींद लेकर 30

फीसदी तक तनाव कम किया जा सकता है।

 

हेल्थ-टेक स्टार्टअप विवांत के सर्वे में पाया गया है कि हर चार में से एक व्यक्ति को लगता है कि उनकी

जीवनशैली और काम का संतुलन ठीक नहीं है और बड़े पदों पर नौकरी करने वाले 27 फीसद लोग

तनाव में रहते हैं। यह सर्वेक्षण कामकाजी पेशेवरों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करने

और जागरूकता फैलाने के लिए किया गया था। विवांत के सीईओ अदृति राहा ने कहा, ‘इस सर्वेक्षण

में दो लाख से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। अध्ययन के दौरान पाया गया कि 48 फीसदी

प्रतिभागी ऐसे हैं जिनकी जीवन शैली गतिहीन है।’

 

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