बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में महापौर को अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनने के सरकार के फैसले

के खिलाफ सोमवार को बिलासपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन

को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अब मामले में अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी. तब तक राज्य

सरकार की ओर से जवाब पेश करने की संभावना जताई जा रही है.

 

पूर्व सीएम अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे (JCCJ) के विधायक दल के नेता व लोरमी सीट से

विधायक धरमजीत सिंह (Dharamjeet Singh) और अन्य ने महापौर के अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव के खिलाफ

हाई कोर्ट (High Court) में याचिका दायर की है.

 

इसी याचिका पर आज सुनवाई हुई. याचिका में वर्तमान महापौर (Mayor) के काम करने के प्रावधान को इस

याचिका में चुनौती दी गई है. अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव में पार्षदों के खरीद फरोख्त की आशंका जाहिर की गई है.

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई.

 

चुनाव में हुआ है ये बदलाव

बता दें कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों में नगर निगमों में महापौर और नगर पालिकाओं में अध्यक्ष का चुनाव

प्रत्यक्ष प्रणाली से सरकार ने बंद कर दिया है. अब पार्षद मिलकर महापौर व अध्यक्ष चुनेंगे. सरकार के इसी निर्णय

के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. गौरतलब है कि इसी साल के अंत में प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव

होने हैं. इससे पहले मामले में कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है.

 

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