टीआपी डेस्क। अतंरिक्ष रहस्यों से भरा है । वैज्ञानिक ब्रह्मांड के रहस्यों को खोजनों में जुटे हैं। अतंरिक्ष

में हर पल ऐसी घटना घटित होते रहता है, जो बहुत ही अद्भुत और रोमांचकारी होता है।

 

ऐसे ही एक अनूठी घटना सामने आई है।

खगोलविदों ने एक ऐसे तारे का पता लगाया है जो हमारी आकाशगंगा से तेजी के साथ दूर

जा रहा है। माना जा रहा है कि यह तारा ब्लैकहॉल से डरकर भाग रहा है। यह तारा हमारी

आकाशगंगा के केंद्र से 40 लाख मील प्रति घंटे की रफ्तार से बाहर जा रहा है। यह तारा इस

समय धरती से करीब 29 हजार प्रकश वर्ष दूर है। इस तारा का नाम एस5-एचवीएस1  है।

 

सूर्य से दो गुना बड़ा है यह तारा

कार्नेगी ऑब्जरवेटरी के खगोलविदों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने इस तारे का पता लगाया है।

खगोलविद  इस तारे का अध्ययन करने से लिए ऑस्ट्रेलिया में स्थापित सदर्न स्टेलर स्ट्रीम

स्पेक्ट्रोस्कोपिक सर्वे टेलीस्कोप का उपयोग कर रहे हैं।

 

यह तारा सूर्य से दो गुना बड़ा और 10 गुना ज्यादा चमकीला है। घटना पर नजर रखने के

लिए खगोलविद यूरोपीय स्पेस एजेंसी के गाया स्पेसक्राफ्ट की मदद ले रहे हैं। एस 5-

एचवीएस 1 तारा सेगिटेरियस-ए नाम के ब्लैकहोल से बचकर दूर भाग रहा है। इस

ब्लैकहॉल का वजन (द्रव्यमान) सूर्य से 40 लाख गुना अधिक है।

 

बाहर जाने में लगेंगे दस करोड़ साल

खगोलविदों का मानना है कि यह तारा इसी गति से चलता रहा तो आकाशगंगा से बाहर

निकलने में 10 करोड़ साल लग जाएंगे। कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के जैक हिल्स ने 1988

में आकाशगंगा से इस तारे के निकलने का अनुमान लगाया था।

 

क्या होता है ब्लैकहोल

 

ब्लैकहोल अंतरिक्ष का सबसे रहस्यमय जगह है। इसकी संरचना इतनी रहस्यमय और

जटिल है कि अब तक इसके बारे में ठीक से कुछ भी ज्ञात नहीं है। इसे ब्लैकहोल

इसलिए कहते हैं क्योंकि यहां प्रकाश भी नहीं पहुंच पाता है। कोई भी खगोलीय पिंड

इसके पास से गुजरता है तो वह इसके अंदर समा जाता है। अंतरिक्ष में कई आकाशगंगा

मौजूद है और हर आकाशगंगा के केंद्र में एक ब्लैकहोल है। ऐसा माना जाता है कि कोई

भी विशाल तारा अपने अंतिम समय में ब्लैकहोल में बदल जाता है।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।