आदिवासियों के हत्यारों और उनको संरक्षण देने वालों पर कड़ी कार्यवाही की मांग :

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम एवं मंत्री कवासी लखमा के नेतृत्व में आदिवासी नेताओं के

प्रतिनिधिमंडल ने सारकेगुड़ा के गुनाहगारों और उनको सरंक्षण देने वालों पर कड़ी कार्यवाही की मांग को

लेकर राज्यपाल अनुसूईया उईके से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल,

दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम,

अंतागढ़ विधायक अनुप नाग, कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी, बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी,

रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह, सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव उपस्थित थे।

 

 

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पूर्ववर्ती सरकार

की गलत नीतियों के कारण बेकाबू हो गयी है तथा उसे लगाम लगाने की कोई ठोस नीति तैयार नहीं की गयी,

बल्कि सीधे-साधे ग्रामीण आदिवासियों को निशाना बनाया गया, जिसका स्पष्ट उदाहरण है सारकेगुड़ा फर्जी

मुठभेड की न्यायिक जांच रिपोर्ट।

 

28-29 जून 2012 की रात निर्दोष आदिवासियों की नृशंस हत्याएं :

सारकेगुड़ा न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में हुए खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि 28-29 जून 2012 की रात

निर्दोष आदिवासियों की नृशंस हत्याएं हुई। कांग्रेस पार्टी इस ज्ञापन के माध्यम से मांग करती है कि 28-29 जून

2012 की रात बासागुड़ा थाना अंतर्गत सारकेगुड़ा, बीजपण्डुम में बैठक कर रहे महिलाओं, स्कूल में पढ़ने

वाले बच्चों का मार डाला गया था। जिसमें 16 लोगों को रात्रि तथा 1 की सुबह हत्या कर दी गयी थी।

 

कांग्रेस लगातार राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर मामले उठाते हुये निर्दोष आदिवासियों को न्याय दिलाने की मांग करते

आ रही है और इस न्यायिक जांच रिपोर्ट से कांग्रेस पार्टी का आरोप सही साबित हुआ है। अतः कांग्रेस पार्टी इस

ज्ञापन के माध्यम से आदिवासियों के हत्यारों एवं उनको सरंक्षण देने वालों पर कड़ी कार्यवाही की मांग करती है।

 

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