प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आई लापरवाही,कंपनी के पास फायर फाइटिंग टीम तक नहीं

रायपुर। राज्य पॉवर कंपनी के दफ्तर में आगजनी की घटना की उच्च स्तरीय जांच में पांच निजी कंपनियों से

पॉवर परचेस की भी फाइल खाक होने की बात सामने आई है। यही नहीं, पॉवर जनरेशन और ट्रांसमिशन की

भी फाइलें भी जली हैं।

 

इन फाइलों में भुगतान से जुड़ी फाइलें और दस्तावेज थे। आशंका यह भी जताई जा रही है कि आग जानबूझकर

लगाई गई है। क्योंकि निजी कंपनियों के साथ पॉवर परचेस का लेकर अलग-अलग स्तरों पर शिकायतें भी हुई थी,

लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट में कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं मिलने की जानकारी नहीं मिली है। सूत्र बताते हैं कि उक्त

फाइलों में विद्युत उत्पादकों के भुगतान के लिए नोट शीट, उत्पादकों के देयक और वित्त संकाय में भुगतान के

अनुमोदन और डेबिट स्लीप इत्यादि दस्तावेज भी थे।

 

हालांकि अब यह कहा जा रहा है कि अन्य कंपनियों के सहयोग से जहां तक संभव हो सकेगा, फाइलों को फिर से

तैयार किया जाएगा। विद्युत सेवा भवन के द्वितीय तल में एमडी (ट्रेडिंग)के हॉल में गत 18 नवंबर को आगजनी की

घटना हुई थी। बताया गया कि पॉवर कंपनी के मुख्यालय में आगजनी को रोकने के लिए विभागीय फायर फाइटिंग

तक उपलब्ध नहीं था। प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया है कि विद्युत कंपनियों के मुख्यालय में अग्निशमन की घटना

को रोकने के लिए विभागीय फायर फाइटिंग टीम उपलब्ध नहीं है। प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद गृह विभाग के प्रमुख सचिव

सुब्रत साहू की अगुवाई में गठित समिति मामले की पड़ताल कर रही है।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।