टीआरपी बिजनेस डेस्क। क्या आप ऐसे किसी केस से जुड़े हैं जो सेवा शुल्क या एक्साइज ड्यूटी के

दायरे में आता है। यदि हां, तो यह खबर आपके काम की है। आपको 31 दिसंबर के पहले इसके निराकरण
के लिए रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें। बता दें कि समाधान की योजना की आखिरी समयसीमा 31 दिसबंर हो
सकती है क्योंकि पिछले दिनों वित्त मंत्रालय(Finance Departmetn) ने जो ‘सबका विश्वास स्कीम’
(Sabka Vishwas Scheme) नाम की योजना शुरू की थी वह खत्म होने जा रही है और संभव है कि
इसकी डेडलाइन आगे ना बढ़े। सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए ही
सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी।
अब आगे नहीं बढ़ेगी समय सीमा :
अब इस योजना की अंतिम समय सीमा नहीं बढ़ेगी। सरकार फिलहाल इसकी समय सीमा को आगे नहीं
बढ़ाने वाली। ऐसे में यदि आप इस योजना लाभ लेना चाहते हैं तो आपके पास 31 दिसंबर 2019 तक का
ही समय है। एक सितंबर से लागू इस योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को पुराने विवादित मामले में खुद टैक्स
बकाए की घोषणा करते हुए उसका भुगतान करने का प्रावधान रखा गया है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ
अधिकारी ने कहा कि यदि कोई भी इस योजना का लाभ उठाना चाहता है, तो उसे 31 दिसंबर से पहले इसके
लिए आवेदन कर देना चाहिए, क्योंकि अंतिम तारीख आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।
योजना का मिलता है यह फायदा :
सबका विश्वास स्कीम में करदाताओं को ड्यू टैक्स पर 40 से 70 प्रतिशत तक की छूट मिलती है।
इसके साथ ही करदाताओं को ब्याज एवं जुर्माने की राशि के भुगतान में भी छूट मिलती है।
बजट के समय हुई थी योजना लॉन्च :
यह योजना चालू वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट के दौरान लॉन्च की गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
ने इसकी शुरुआत की थी। इस योजना को लेकर वित्त मंत्रालय का ध्येय था कि बकाया अमाउंट वाले लोगों को
एक आंशिक राहत या छूट दी जाए और इस प्रकार ऐसे सभी मामलों का निराकरण किया जाएग। यह योजना
1 सितंबर 2019 से लागू थी। इसकी समय सीमा 4 महीनों की थी जो अब पूरी होने जा रही है।
50 हजार से अधिक आए आवेदन :
‘सबका विश्वास स्कीम’ के तहत अभी तक सरकार के पास कुल 55 हजार 600 से अधिक आवेदन आ चुके हैं।
इन आवेदनों में कुल 29 हजार 557 करोड़ रुपयों के टैक्स मैटर जुड़े हैं। जिस समय वित्त मंत्रालय ने यह स्कीम
लॉन्च की थी तब इससे 1.83 लाख कर विवाद जुड़े थे। इनमें तकरीबन साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए अटके हुए हैं।
70 प्रतिशत तक राहत उपलब्ध :
योजना के तहत स्वैच्छिक तौर पर खुलासा किए गए मामलों को छोड़कर अन्य मामलों में 40-70 प्रतिशत तक
राहत उपलब्ध है। यह राहत बकाया टैक्स की राशि पर निर्भर करती है। योजना में बकाया टैक्स पर ब्याज और
जुर्माने के भुगतान से भी राहत उपलब्ध कराई जा रही है।
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