टीआरपी डेस्क। प्रदेश में सिंगल सिगरेट बेचने पर प्रतिबंध लगाने वाला ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। स्वास्थ्य

विभाग ने इसे शासन को भेज भी दिया है। जैसे ही यह लागू होता है तो पान ठेलेवाले एक, दो यानी की
फुटकर में सिगरेट नहीं बेच पाएंगे। ग्राहकों को पैकेट ही खरीदने होंगे। इसके कानून की शक्ल में आते
ही उम्मीद जताई जा रही है कि धूम्रपान करने वालों की संख्या में गिरावट आएगी। आंकड़ों के मुताबिक
सिगरेट पीने वालों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। प्रदेश में धुम्रपान, व तंबाकू से बने उत्पादों का
सेवन करने वाली औसत आयु 18.5 वर्ष है, जो अलॉमिंग है। युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए
ही सरकार सिंगल सिगरेट की बिक्री पर रोक लगाने की तैयारी में है।
ये है आधार
बता दें कि सिंगल सिगरेट में कोई वैधानिक चेतावनी नहीं लिखी होती है, जिसे कोटपा अधिनियम में जरूरी
किया गया है। इस चेतावनी को युवा पढ़ते नहीं हैं, और धूम्रपान की गिरफ्त में आ जाते हैं। यही कानून बनाने
का एक मजबूत आधार है। इसमें सजा का प्रावधान भी है।
क्या है ग्लोबल अडल्ट सर्वे रिपोर्ट
53.2 प्रतिशत- 2009-10 में देश में तंबाकू का इस्तेमाल करने वालों की संख्या
39.1 प्रतिशत- 2016-17 में तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों की संख्या
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