कहा-मुझसे नफरत है तो मेरे पुतले को जूते मारो, लेकिन गरीब की झोपड़ी मत जलाओ

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली को संबोधित किया।

मोदी ने नागरिकता कानून के विरोध पर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमने योजनाएं लागू

करने में कभी किसी का धर्म नहीं पूछा, अगर मेरे कामों में भेदभाव की बू आए तो यह देश को बताएं।

मैं पसंद नहीं तो मेरे पुतले को जूते मारो, लेकिन गरीब की झोपड़ी मत जलाओ। इस बिल के पास होने के

बाद कुछ राजनीतिक दल तरह तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैं। वे लोग भ्रमित कर रहे हैं। भावनाओं को

भड़का रहे हैं।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में संसद ने नागरिकता संशोधन बिल पास किया। भारत की संसद ने

लोकसभा-राज्यसभा में आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए बिल को पास करने में मदद की। आप खड़े

होकर देश की संसद का सम्मान कीजिए। पूरी ताकत से सम्मान कीजिए। मैं भी आपके साथ जुड़कर

के देश के दोनों सदनों को और प्रतिनिधियों को प्रणाम करता हूं, धन्यवाद करता हूं।

 

इस बिल के पास होने के बाद कुछ राजनीतिक दल तरह तरह की अफवाहें फैलाने में लगे हैं। वे लोग

भ्रमित कर रहे हैं। भावनाओं को भड़का रहे हैं। मैं उनसे जानना चाहता हूं कि जब हमने दिल्ली की

सैकड़ों कॉलोनियों को वैध करने का काम किया तो क्या किसी से पूछा था कि आपका धर्म क्या है,

आपकी आस्था क्या है, आप किस पार्टी को वोट देते हैं, किस पार्टी के समर्थक हैं। क्या हमने आपसे

कोई सबूत मांगे थे। 70,80,90 के सबूत मांगे थे।

 

केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ हर धर्म को मिला। हमने ऐसा क्यों किया। क्योंकि हम देश से

लगाव के कारण जीते हैं। हम सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के लिए

समर्पित हैं। एक ही सत्र में दो बिल पारित हुए हैं। एक मैं दिल्ली के लोगों को अधिकार दे रहा हूं

और यह आरोप लगा रहे हैं कि मैं अधिकार छीनने वाले कानून बना रहा हूं। यह जो झूठ फैलाने

वाले हैं उन्हें चुनौती देता हूं, मेरे काम की पड़ताल कीजिए। कहीं भेदभाव की बू आती है तो देशवासियों

के सामने लाकर रख दें।

 

विपक्ष झूठ फैला रहा :

मोदी ने कहा, ”चाहे कोई हिंदू हो या मुसलमान, सीएए उसके लिए है ही नहीं। यह संसद में बोला गया है।

जो देश में लोग रह रहे हैं, उनका इससे कोई वास्ता नहीं है। एनआरसी के बारे में भी झूठ फैलाया जा रहा

है। कांग्रेस ने इसे बनाया था। हम इसे लाए नहीं, लेकिन हौव्वा खड़ा किया जा रहा है। हम आपको आपके

अधिकार दे रहे हैं। तो क्या आप लोगों को निकाल देंगे। बच्चों जैसी बातें हो रही हैं। कांग्रेस और उसके

जैसे दलों ने चिल्ला दिया- वो देखो कौआ कान काटकर उड़ गया। कुछ लोग कौए के पीछे भागने लगे।

पहले अपना कान तो देख लीजिए कि कौआ काट ले गया या नहीं। पहले देखिए तो कि एनआरसी में कुछ

हुआ भी है क्या। सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा तो हमें असम के लिए एनआरसी करना पड़ा। कांग्रेस और उसके

साथी शहरों में रहने वाले कुछ पढ़े लिखे नक्सली- अर्बन नक्सल अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुस्लिमों को

डिटेंशन सेंटर में डाल दीजिएगा। इसमे अच्छे पढ़े लिखे लोग भी डिटेंशन सेंटर के बारे में पूछ रहे हैं।

 

एक मीडिया रिपोर्ट देखी- जिसमें मीडिया के लोग पूछ रहे थे कि डिटेंशन सेंटर कहां है, लेकिन किसी को

पता नहीं। पढ़ तो लीजिए की एनआरसी है क्या? अब भी जो भ्रम में हैं, उन्हें कहूंगा कि जो डिटेंशन सेंटर

की अफवाहें हैं। वो सब नापाक इरादों से भरी पड़ी हैं। यह झूठ है, झूठ है, झूठ है। यह लोग झूठ बोलने के

लिए किस हद तक जा रहे हैं। हमारे अधिकतर शरणार्थी पाकिस्तान से आए हैं, वे दलित परिवार से हैं।

ये वे लोग हैं जिन्हें पाक में बंधुआ मजदूर बनाकर रखा गया था।

शरणार्थी अपनी पहचान नहीं छिपाते :

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई सीमापार कर भारत आ जाता है तो सबसे पहले सरकारी दफ्तर जाता है

और कहता है कि मेरी मदद कीजिए। आज भी यह लोग इंटरव्यू दे रहे हैं कि हमें आना पड़ा है। लेकिन जो

घुसपैठिया है, वो न इंटरव्यू देता है, न पुलिस को बताता है कि मेरी मदद करो। वो आकर छिप जाता है

और एजेंटों को मजदूरी का हिस्सा देता रहता है। घुसपैठिया कभी अपनी पहचान होने नहीं देता और शरणार्थी

अपनी पहचान नहीं छिपाता।

गांधीजी का तो सम्मान करें :

मोदी ने कहा कि सड़क पर हो रहा बवाल शरणार्थियों के दर्द पर नमक छिड़कने जैसा है। सीएए किसी की

नागरिकता छीनने के लिए नहीं, देने के लिए है। यह मेरी नहीं महात्मा गांधी की सोच है। यह आज भी गांधी

नाम का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं, वे यह सुनें। मोदी को मानो या न मानो गांधीजी को तो मानो।

उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए

तो आएं उनका स्वागत है। यह रियायतें तब के भारत के वादे के मुताबिक है, जो आजादी के समय किया गया था।

आज जब भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार दशकों पुराने वादे को पूरा कर रही है तो फिर इसका विरोध क्यों?

योजना के लिए किसी से प्रमाण नहीं मांगा :

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी एक-एक योजना को देखिए। जब उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ परिवारों

को मुफ्त गैस योजना के तहत कनेक्शन दिया, तो क्या हमने किसी से धर्म पूछा था, क्या किसी से प्रमाण मांगे थे।

मैं कांग्रेस और उसके साथियों से पूछना चाहता हूं कि क्यों लोगों को भड़का रहे हो।  पिछले पांच साल में हमारी

सरकार ने 1.5 करोड़ से ज्यादा घर गरीबों के लिए बना दिए हैं। हमने किसी से उसकी जाति और धर्म नहीं पूछा।

फिर क्यों झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं। देश को गुमराह किया जा रहा है। लेकिन विपक्षी कागज, कागज के नाम

पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं। हमने कभी किसी योजना के लिए कागजों की बंदिश नहीं लगाई। पहले

लाभार्थियों को योजना के लिए यहां वहां चक्कर काटने पड़ते थे।

 

हमने तय किया कि हर योजना का लाभ हर किसी को मिलेगा। जाति, धर्म कुछ नहीं देखा जाएगा। मुफ्त बिजली

कनेक्शन के लिए, उज्ज्वला योजना के लिए, आवास योजना के लिए हम खुद गरीबों की झोपड़ी पहुंचे। हमने

कभी नहीं पूछा कि आप मंदिर जाते हैं कि मस्जिद जाते हैं या गुरुद्वारा जाते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ

स्कीम आज भारत में चल रही है। देश के 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों को 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की

योजना रखी है। लेकिन राजनीति की वजह से दिल्ली में यह योजना लागू नहीं है। जहां यह योजना लागू हुई है

वहां 70 लाख मरीजों का इलाज हुआ है।

पुलिस मदद करते हुए धर्म-जाति नहीं देखती:

मोदी ने कहा कि पुलिस के जवानों को अपनी ड्यूटी करते समय जो हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है।

उन्हें मारा जा रहा है। पुलिसवाले किसी के दुश्मन नहीं होते। देश को पता नहीं है कि आजादी के बाद

देश में 33 हजार पुलिस भाइयों ने शांति और सुरक्षा के लिए शहादत दी। आम नागरिक की रक्षा करने के

लिए पुलिसवाले शहीद हुए और आज आप इन्हें मार रहे हो। जब कोई संकट आता है, मुश्किल आती है

तो पुलिसवाला न धर्म देखता है न जाति, वो आपकी मदद के लिए आकर खड़ा हो जाता है। अभी यहां

दिल्ली में ही जिस मार्केट में आग लगी। इतने लोगों की जान गई। पुलिस उनका धर्म पूछने नहीं गई।

जितने जिंदा बच सकें, उन्हें निकालने गई। यह 100 साल पुरानी पार्टियां शांति के दो शब्द बोलने के

लिए तैयार नहीं हैं। यानी हिंसा को आपकी मूक सहमति है। पुलिस का सम्मान होना चाहिए।

“विपक्ष की राजनीति समझ चुका हूं”

मोदी के मुताबिक, ”इन्होंने देश को अराजकता में धकेलने की नापाक कोशिश की है। बच्चों के स्कूलों,

यात्री बसों और ट्रेनों पर हमले किए गए। लोगों की दुकानों, साइकिलों और मोटरसाइकिलों को जलाया गया।

भारतीय टैक्सपेयरों के पैसे को उस आग में खाक कर दिया गया, उसे नुकसान पहुंचाया गया। इनकी

राजनीति और इरादे कैसे हैं, यह देश भली-भांति समझ चुका है। मैं जानता हूं कि पहली बार जीतकर आया तो

जो लोग नहीं चाहते थे, उन्हें समझ नहीं आया कि यह कैसे हो गया।

 

दूसरी बार न आऊं, इसको पक्का करने की कोशिश की गई। झूठ फैलाए गए। लेकिन देश की जनता ने

ज्यादा आशीर्वाद दिया। यह लोग अब सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रहे। यह पहले तो आया, लेकिन दोबारा

कैसे आ गया। जिस दिन दूसरी बार आया, उस दिन से यह झूठ फैलाने में लगे हैं। जिस जनता ने मोदी को

बैठाया, अगर आपको पसंद नहीं तो मोदी से गुस्सा निकालो। मोदी का पुतला लगाकर जितने जूते मारने हैं

मारो, मोदी का पुतला जलाओ। लेकिन गरीब की झोपड़ी, उसका ऑटो रिक्शा मत जलाओ। सरकारी

संपत्ति को नुकसान मत पहुंचाओ।

 

 

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