टीआरपी डेस्क। भारत में जहां आबादी को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही है वहीं, दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में अब भारत से आधे बच्चे पैदा हो रहे हैं। पिछले कुछ समय से चीन की आबादी में भी स्थिरता आई है।

बता दें कि चीन आर्थिक दुनिया में अपनी बड़ी आबादी के दम पर ही तेजी से आगे बढ़ा है और दुनिया में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बना। चीन ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए ‘वन चाइल्ड’ की नीति अपनाई थी।
हालांकि बाद में कामगार आबादी की कमी की आशंका को देखते हुए उसने इसमें ढील दी है और अब वहां लोग दो बच्चे को जन्म दे सकते हैं। बावजूद इसके चीन की आबादी में स्थिरता है। आने वाले कुछ वर्षों में भारत आबादी के मामले में चीन को पछाड़ देगा।
बूढ़ी होती आबादी के चलते वर्कफोर्स में आएगी कमी :
चीन में घटती जन्मदर, वहां की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक चुनौती है। यानी अगर कम जन्मदर व बढ़ती जीवन प्रत्याशा के चलते वर्कफोर्स में कमी आएगी और अर्थव्यवस्था में उन्हें ज्यादा योगदान देना होगा।
वैश्विक प्रजनन दर अब चीन से ज्यादा :
चीन में कुल प्रजनन दर का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक यहां प्रति महिला प्रजनन दर 1.2 से 1.7 है जो कि अमेरिका के 1.8 और भारत के 2.2 से कम है।
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