वॉशिंगटन। क्या दुनिया परमाणु युद्ध के खतरे के और नजदीक पहुंच गई है? क्या मानवता पर सबसे बड़ा खतरा मंडरा है? अगर दुनिया के परमाणु वैज्ञानिकों की माने तो इस बात की आशंका बहुत ज्यादा है।

दरअसल, ‘डूम्सडे क्लॉक’ (प्रलय की घड़ी) में अब आधी रात का वक्त होने में 100 सेकंड से भी कम का समय बचा हुआ है। इस घड़ी में आधी रात का का वक्त होने में जितना कम समय रहेगा दुनिया में परमाणु युद्ध का खतरा उतना ही नजदीक होगा। 1947 से ही काम कर रही इस घड़ी ने दुनिया में बढ़ रहे युद्ध के खतरे से आगाह किया है।

‘डूम्सडे क्लॉक’ का यह आकलन युद्धक हथियारों, विध्वंसकारी तकनीक, फेक विडियो, ऑडियो, अंतरिक्ष में सैन्य ताकत बढ़ाने की कोशिश और हाइपरसोनिक हथियारों की बढ़ती होड़ से मापा गया है।

‘द बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स’ (BAS) ने जारी अपने बुलेटिन में दुनिया में प्रलय की आशंका को और करीब बताया है। एक वैज्ञानिक ने कहा, ‘हम देख पा रहे हैं कि दुनिया तबाही के कितनी नजदीक पहुंच गई है। तबाही का पल अब मिनट और घंटे की बात नहीं, बल्कि सेकंड के करीब तक पहुंच गई है।’

13 नोबेल विजेताओं समेत कई वैज्ञानिकों के पैनल का फैसला

‘डूम्सडे क्लॉक’ का फैसला 13 नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिकों समेत विशेषज्ञों के पैनल ने लिया है। शुरू में इस घड़ी को पहले मध्य रात्रि के 7 मिनट पहले सेट किया गया था।

पिछली बार प्रलय के करीब पहुंचने का पल 2018-19 और 1953 में आया था, जब इसे मध्य रात्रि के 2 मिनट पहले सेट किया गया था। 1991 में कोल्ड वॉर खत्म होने के बाद इसे मध्य रात्रि के 17 मिनट पहले तक वक्त सेट किया गया था।

जानें, क्या है ‘डूम्सडे क्लॉक’

डूम्सडे क्लॉक एक सांकेतिक घड़ी है जो मानवीय गतिविधियों के कारण वैश्विक तबाही की आशंका को बताती है। घड़ी में मध्यरात्रि 12 बजने को भारी तबाही का संकेत माना जाता है।

1945 में हिरोशिमा और नागासाकी में हुए हमले के बाद वैज्ञानिकों ने मानव निर्मित खतरे से विश्व को आगाह करने के लिए इस घड़ी का निर्माण किया गया था। इस घड़ी में मध्य रात्रि के 12 बजने के मायने हैं कि दुनिया का अंत बेहद नजदीक है, या दुनिया में परमाणु हमला होने की आशंका 100 प्रतिशत है।

‘दुनिया के जागने का वक्त’

एक अन्य परमाणु वैज्ञानि जेरी ब्राउन ने कहा, ‘सुपर पॉवर के बीच खतरनाक होड़ ने दुनिया में बड़ी परमाणु भूल की आशंका बढ़ा दी है। क्लामेट चेंज ने इस होड़ को और बढ़ा दिया है। दुनिया के जागने का यही वक्त है।’

इन तीन चीजों से स्थिति खतरनाक

परमाणु हथियार

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया परमाणु युग में है। नेताओं ने पिछले कई सालों में हथियारों की होड़ रोकने वाली कई संधियों को कमजोर किया है। इसके कारण दुनिया में परमाणु हथियारों की होड़ बढ़ी है। उत्तर कोरिया और ईरान की परमाणु हथियारों की होड़ पर अनिश्चितता है। अगर कहीं भी चूक हुई तो प्रलय तय है।

क्लाइमेट चेंज

क्लाइमेट चेंज पर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ी है। 2019 में पूरी दुनिया में युवाओं द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। लेकिन दुनिया के देशों द्वारा क्लाइमेट चेंज पर बहुत कम प्रयास हुए हैं।

यह तब है जब पिछले इस में मनुष्यों के कारण हुए क्लाइमेट चेंज के कारण दुनिया काफी गर्म रही। जंगलों में बड़ी आग लगी और ग्लेशियर तेजी से पिछले हैं।

भ्रामक सूचनाएं

भ्रामक सूचनाओं के कारण भी दुनिया में युद्ध की आशंका बढ़ी है। इस सूचनाओं पर विभिन्न देशों द्वारा विश्वास करना भी परमाणु हथियारों और क्लाइमेट चेंज के खतरे को बढ़ाता है।

पिछले साल कई सरकारों ने भ्रामक साइबर सूचनाओं का अभियान तक चलाया। इनका निशाना दूसरे देशों के बीच अविश्वास फैलाना था। इसके कारण शांति को खतरा पैदा हो रहा है।

 

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