रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (केटीयूजेएम) का संचालन एक साल से बगैर कुलपति के हो रहा है। कुलपति की नियुक्ति के अभाव में छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यूनिवर्सिटी में लंबे समय से कुलपति की कुर्सी खाली है।

नवंबर 2018 में मानसिंह परमार ने कुलपति के तौर पर पदभार ग्रहण किया था। मगर मार्च 2019 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया। तब से आजतक विश्वविद्यालय पूर्णकालिक कुलपति के लिए तरस रहा है।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के बाद ऐसा पहली बार है जब किसी राज्य संचालित विश्वविद्यालय में कुलपति का पद रिक्त है।

वहीं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति का बढ़ाया कार्यकाल गया है। एक साल से कुलपति के लिए तरस रहे विश्वविद्यालय में पुनः प्रभारी कुलपति के तौर पर रायपुर कमिश्नर जीआर चुरेंद्र को विश्वविद्यालय का प्रभार दे दिया है।

केटीयूजेएम में लंबे समय से कुलपति की कुर्सी खाली है। लेकिन कमेटी से चर्चा के बावजूद अब तक नाम को लेकर निर्णय नहीं हो सका है। छग राज्य बनने के बाद संभवतः यह पहली बार हुआ है जबकि प्रभारी कुलपति का प्रभार बढ़ा दिया गया हो।

ऐसी जानकारी मिली है कि राजभवन और राज्य सरकार के बीच मतभेद के चलते कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही है।

 

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