नई दिल्ली। देश के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली का राजपथ देश की सैन्य शक्ति और बहुरंगी सांस्कृतिक छटा का गवाह बना। यहां भारतीय सेना की वीरता, साहस, पराक्रम और शौर्य की झलक मिली तो भारत की सांस्कृतिक विवधता की झांकियों ने सबको चकाचौंध कर दिया।

इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गणतंत्र दिवस के लिए भारत के मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति जायर मेसियस बोल्सोनारो राजपथ पर मौजूद रहे।
परंपरा के मुताबिक, परेड की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान की समाप्ति के बाद हुई। हालांकि, इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 48 साल से चली आ रही एक परंपरा पर विराम भी लगा दिया। उन्होंने इस बार इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर नहीं जाकर नवनिर्मित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
परेड के दौरान कैप्टन तान्या शेरगिल ने राजपथ पर दहाड़ लगाकर देश की स्त्री शक्ति का अहसास कराया तो पहली बार परेड में शामिल चीनूक और अपाचे हेलिकॉप्टरों ने भारतीय सेना की बढ़ती ताकत का प्रदर्शन किया।
दोनों ने आसमान में उड़ान भरी तो अत्याधुनिक युद्धक विमान राफेल की प्रतिकृति भी दिखाई गई। विभिन्न मंत्रालयों एवं राज्यों की झांकियों ने भी दर्शकों का मन मोह लिया।भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन हुआ तो हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
एक ओर -45 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में और 18,700 फीट तक की ऊंचाई पर तैनात रहकर हमारे देश की उत्तरी सीमा की रक्षा करने वाली इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस का मार्चिंग दस्ता गुजरा तो दूसरी ओर भारतीय सेना की सबसे अलंकृत कुमाऊं रेजिमेंट के दस्ता भी आकर्षण का केंद्र बना।
वहीं, कैप्टन दीपांशु शेरॉन के नेतृत्व में दुनिया की एकमात्र सक्रिय घुड़सवार सेना में शामिल घोड़ों की टाप से पूरा राजपथ गूंज उठा।
ये रहे मुख्य आकर्षण
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कैप्टन तान्या शेरगिल के नेतृत्व में ‘तीव्र चौकस’ आदर्श वाक्य वाले कॉप्र्स ऑफ सिग्नल्स का दल राजपथ पर आगे बढ़ा तो दर्शकों ने उनकी जोरदार तालियों से स्वागत किया। एयरफोर्स की युद्ध क्षमता का परिचय देने के लिए रफाल, तेजस, आकाश मिसाइल सिस्टम और अस्त्र मिसाइल का प्रदर्शन हुआ।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की तरफ से निर्मित ऐंटि सैटलाइट वेपन सिस्टम (एसैट) मिशन शक्ति वायु रक्षा सामरिक नियंत्रण रेडार (एडीटीसीआर) का भी प्रदर्शन हुआ।
यह विशाल वायु की निगरानी, विभिन्न हवाई लक्ष्यों का पता लगना, शत्रु या मित्र की पहचान, कमांड सेंटर तक डेटा पहुंचाने जैसे कई महत्वपूर्ण काम करता है। इसे मैदान, पहाड़, रेगिस्तान में पूर्व चेतावनी के लिए तैनात किया जा सकता है।
टी-90 टैंक भीष्म : भारतीय आर्मी का मुख्य युद्धक टैंक। लेजर गाइड मिसाइल से लैस भीष्म रात में 5 किलोमीटर की दूरी से निशाना साधने में सक्षम, पानी में भी संचालन की क्षमता।
इन्फेंट्री कॉम्बेट वीइकल आईसीवी बीएमपी2 में रात में चार किलोमीटर की दूरी से अज्ञात दुश्मनों पर भी हमला करने की क्षमता है। यह जल और जमीन, दोनों से दुश्मनों पर हमला करने वाला दुनिया के सर्वोत्तम लड़ाकू वाहनों में एक है। इसका प्रेरणा वाक्य है- जिसका निश्चय, उसकी जीत।
हाल ही में भारतीय सेना में शामिल के9 वज्र टी
कंट्रोल्ड होवित्जर धनुष गन सिस्टम
कम वक्त में पुल बिछाने की प्रणाली सर्वत्र ब्रिज सिस्टम
अडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स रुद्र और ध्रुव
एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम आकाश
इन बलों के दस्ते ने दी राष्ट्रपति को सलामी
They are our first line of defense….These camel mounted soldiers of @BSF_India contingent are all over 6 feet tall and sport similar styled mustaches
Over 75 different items dress these camels and riders to present this riot of colors #RepublicDay2020 #RepublicDayIndia pic.twitter.com/K0mIT4yjtt
— PIB India (@PIB_India) January 26, 2020
61 कैवलरी को कैप्टन दीपांशु शेरॉन ने नेतृत्व किया। अश्व शक्ति यशोबल को प्रेरणा वाक्य से संचालित यह यह दुनिया की एकमात्र सक्रिय घुड़सवार सेना है।
इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस फोर्स
सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा के धुन के साथ आगे बढ़ा।
इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस की मार्चिंग कंटिनजेंट
-45 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में और 18,700 फीट की ऊंचाई पर तैनात रहकर हमारे देश की उत्तरी सीमा की रक्षा करता है।
पैराशूट रेजिमेंट के जवानों ने ‘हम भारत के वीर, अपने देश के रक्षक, जाति, भेदभाव को मिटाएंÓ के नारे के साथ कदमताल करते हुए राजपथ को पार किया।
समंदर में जीवनरक्षक यानी तटरक्षक बल का दस्ता
समुद्र तट के क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करता है। इस बल ने हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने में मदद की है।
सीआरपीएफ का बैंड ‘देश के हम हैं रक्षकÓ बजाते हुए आगे बढ़ा। दुनिया की सबसे बड़े और सबसे पुराने अर्धसैनिक बलों में एक है सीआरपीएफ। उग्रवाद और आतंकवाद पर काबू पाने के साथ-साथ राहत एवं बचाव कार्यों में भी अहम योगदान देता है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल
अमर सनानी का धुन बजाते हुए दस्ता आगे बढ़ा। सीआईएसएफ मार्चिंग कंटिनजेंट की अगुवाई भी एक महिला ने की। डेप्युटी कमांडेंट प्रभ सिमरन सिंह ने इसका नेतृत्व किया।
दिल्ली पुलिस का दस्ता
एसीपी सुधांशु धामा के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस का दस्ता राजपथ से गुजरा। 1950 से अब तक लागातर गणतंत्र दिवस परेड में शामिल रहा है और 14 बार सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ते की ट्रॉफी हासिल की। इस साल गणतंत्र दिवस परेड के कमांडर दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमाडिंग लेफ्टिनेंट कमांडर असित मिस्त्री और डेप्युटी कमांडर मेजर जनरल आलोक कक्कड़ रहे।
Whoever said diamonds were a woman's best friend was definitely not talking of these women from @crpfindia
Led by Inspector Seema Nag, these motorcycle borne dare devils are as good on bikes as they are with weapons#RepublicDay2020 #RepublicDay pic.twitter.com/wBYXzu5PsQ
— PIB India (@PIB_India) January 26, 2020
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