नई दिल्ली/बिलासपुर। समाज कल्याण विभाग निशक्तजन बोर्ड में काग़ज़ पर चलाए जा रहे एनजीओ की आड़ में 1000 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में याचिकाकर्ता ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कैवियट दायर कर दी है।

मूल याचिकाकर्ता कुंदन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर कहा है कि 6 जनवरी को हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा जनहित याचिका 53/2018 पर आए फ़ैसले के विरुध्द दायर किसी अपील या कि रिव्यू पर फ़ैसला देने के पहले सक्षम न्यायालय कैविएट दायर करने वाले का पक्ष भी सुने।

हाईकोर्ट में रिव्यू पीटिशन की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच

इधर हाइकोर्ट में एनजीओ मामले में सीबीआई को निर्देशित कार्यवाही के केंद्र में माने जा रहे नामांकित आईएएस अधिकारियों में एक रहे बीएल अग्रवाल ने हाईकोर्ट में रिव्यू पीटिशन का आवेदन दिया था।

मामले का रिव्यू करने के लिए चीफ जस्टिस ने आज शाम विशेष बेंच बनाने का आदेश दे दिया। चीफ जस्टिस के आदेश के बाद अब जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पीसी साहू की सिर्फ बीएल अग्रवाल के केस के लिए बेंच गठित होगी। चूकि, इसी बेंच ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था, जाहिर है रिव्यू करने का अधिकार भी इसी बेंच को होगा।

पूर्व आईएएस बाबूलाल अग्रवाल के रिव्यू पीटिशन के आधार में प्रमुख दो बिंदु शामिल है,जिनमें पहला बीएल अग्रवाल ने इस एजीओ के संचालन पर उनके पदीय दायित्व और नाम के शामिल होने पर अनभिज्ञता जताई है और दूसरा यह कि, कोर्ट में उन्हें पक्ष रखने का कोई अवसर नहीं दिया गया है।

 

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