नई दिल्ली। चीन में कोराना वायरस के कहर ने वहां की पूरी व्यवस्था को ठप करके रख दिया है। वहां संचालित होने वाला बिजनेस भी बुरी तरह से इस वायरस की वजह से प्रभावित हुआ है। इसका असर अब भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी दिखाई देने लगा है।


दरअसल कई जरूरी दवाओं के रॉ मटेरियल के साथ ही उनकी सप्लाई भी चीन से होती है। कोराना वायरस के कहर बरपाने के बाद वहां से आने वाले दवाईयों पर सीधा असर पड़ा है। इसका नतीजा है कि भारत के दवा व्यापारियों के पास Paracetamol, Ibruprofen जैसी कई अन्य जरूरी दवाओं का स्टॉक सिर्फ फरवरी तक का ही बचा है।
अगर की वजह से चीन का कारोबार इसी तरह से प्रभावित होना जारी रहा तो आने वाले दिनों में यह भारत के लिए भी काफी बड़ा संकट पैदा कर सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के मुताबिक अलग अलग उद्योग क्षेत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार मेडिसीन के साथ ही स्मार्टफोन और सौर उपकरण उत्पादन भी कोराना वायरस के हमले की वजह से प्रभावित हो सकता है।

FICCI ने स्टडी के बाद कहा कि चीन में दवाओं के रॉ मटेरियल का उत्पादन ऐसे ही बंद रहता है तो फॉर्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स के दामों में उछाल आने की संभावना है। बता दें कि भारत में विभिन्न उद्योगों को 70 फीसदी दवाओं से जुड़ी सामग्री का आयात चीन की ओर से किया जाता है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि देश में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय आगे की स्थिति से निपटने के लिए योजना पर काम भी शुरू कर चुका है।

बता दें कि देश में आने वाली कई दवाएं ऐसी हैं जिनका मटेरियल चीन के वुहान शहर में ही तैयार किया जाता है। Coronavirus का सबसे ज्यादा कहर वुहान में ही रहा है, ऐसे में वहां सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है और कारोबार पूरी तरह से बंद है।

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