TRPDESK:-छत्तीसगढ़ में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 21 लाख 98 हजार 140 तक पहुंच गई है। यदि जिलों की बात करें, तो शिक्षित बेरोजगारों के मामले में दुर्ग जिला नम्बर वन पर है। यहां 2 लाख 42 हजार 259 शिक्षित बेरोजगारों का पंजीयन रोजगार कार्यालय में है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जनसंख्या के हिसाब से सबसे अधिक आबादी वाला रायपुर जिला शिक्षित बेरोजगारों की सूची में आठवें स्थान पर है। रायपुर जिले की कुल आबादी 21 लाख 60 हजार 876 है। जबकि यह 88 हजार 952 शिक्षित बेरोजगारों का पंजीयन है। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें, तो दुर्ग के बाद रायगढ़ ऐसे जिला है, जहां शिक्षित बेरोजगारों की संख्या प्रदेश के अन्य जिलों से सबसे अधिक है। जबकि रायगढ़ की कुल आबादी लगभग 15 लाख है। बेरोजगारी के मामले में 8 लाख 26 हजार 165 की आबादी वाले बालोद जिले की हालत चिंताजनक है। यहां 1 लाख 60 हजार से अधिक शिक्षित बेरोजगार नौकरी की तलाश में अपना पंजीयन रोजगार कार्यालय में करवाकर रखा है।

माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी बड़ा

असर बस्तर संभाग में बेरोजगारी का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। आबादी के हिसाब से नारायणपुर सबसे छोटा जिला है। यहां की कुल आबादी 1 लाख 39 हजार के आसपास है। फिर भी यहां 18 हजार 780 बेरोजगार है। ठीक इसके विपरीत बीजापुर जिले में प्रदेश के सबसे कम बेरोजगारों का पंजीयन है। यहां कुल 9 हजार 547 युवाओं ने ही रोजगार कार्यालय में अपना पंजीयन कराया है।

अन्य पिछड़ा वर्ग को मिला सबसे ज्यादा रोजगार

सरकारी आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में 6 हजार 332 युवा बेरोजगारों को जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्रों के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इसमें सबसे अधिक अन्य पिछड़ा वर्ग के 2019 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इसी प्रकार अनुसचित जाति के 1026, अनुसूचित जनजाति के 1622 और सामान्य वर्ग के 1665 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में एक लाख 17 हजार 140 युवाओं की कमी आई है। सरकार आंकड़ों की माने तो 1 जनवरी 2019 की स्थिति में प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 23 लाख 28 हजार 854 थी। जबकि 1 जनवरी 2020 की स्थिति में यह संख्या 22 लाख 11 हजार 714 हो गई है।

एक्सपर्ट व्यू

सेवानिवृत्त आईएएस बीकेएस रे ने कहा, सिर्फ सरकारी नौकरी के माध्यम से बेरोजगारी को दूर नहीं किया जा सकता। यदि ऐसा करते भी हैं, तो आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी। युवाओं के लिए स्व-रोजगार के अवसर पैदा करना होगा। इसका वातावरण तैयार करने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास होने चाहिए। लोन देने की सुविधाओं को सरल करना होगा। बेरोजगारी दूर करने में कौशल विकास की योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती थी, लेकिन इसका क्रियान्वयन सहित तरीके से नहीं हो सका। जहां तक रायपुर में बेरोजगारों के पंजीयन की बात है, तो वो जागरुकता की वजह है।

ज्यादा बेरोजगारी वाले टॉप 10 जिले
242259              दुर्ग
191826              रायगढ़
160815              बालोद
153350             राजनांदगांव
132136             बिलासपुर
130266            जांजगीर-चांपा
90179              मुंगेली
88952             रायपुर
87254             अंबिकापुर
83132             कोरबा
(नोट-यह आंकड़े 31 जनवरी 2020 की स्थिति में)