कांग्रेस के विधायकों के साथ निर्दलीय एमएलए भी शामिल

भोपाल/जयपुर/ नई दिल्ली।  मध्यप्रदेश में सरकार का संकट टालने के लिए कांग्रेस की कोशिशें शुरू हो गई हैं। भोपाल स्थित सीएम हाउस से 80 विधायकों को जयपुर भेज दिया गया है। इनमें कांग्रेस के अलावा 4 निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं। इन लोगों के लिए जयपुर के ब्यूना विस्टा होटल के 44 विला बुक हैं।

बताया जा रहा है कि विधायकों को जयपुर में 3-5 दिन रोका जा सकता है। इस बीच, कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा कि हम 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराएंगे और इसमें जीत हासिल करेंगे। उधर, बेंगलुरु में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस को कोई बर्बाद नहीं कर सकता। नेता आते-जाते रहते हैं।

मध्यप्रदेश के जो विधायक यहां हैं, वे अपनी सदस्यता नहीं छोड़ना चाहते। मुझे यकीन है कि वे समझेंगे और वापस लौटकर सरकार बचा लेंगे।

सीएम हाउस में मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायकों से स्पष्ट कहा कि नंबर हमारे पास हैं और फ्लोर टेस्ट पर बहुमत साबित करेंगे। कमलनाथ का दावा है कि बेंगलुरु गए 19 विधायक उनके संपर्क में हैं।

पार्टी आलाकमान ने इन विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी मंत्री गोविंद सिंह, सज्जन वर्मा और डीके शिवकुमार को सौंपी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो जल्द ही 19 विधायक भोपाल लौट आएंगे।

ज्यादातर विधायक सिंधिया के साथ नहीं : सज्जन वर्मा

बेंगलुरु में 19 विधायकों से मिलकर मंत्री सज्जन वर्मा बुधवार को भोपाल लौट आए। उनका दावा है कि इस्तीफा देने वाले इन विधायकों में से कोई भी सिंधिया के साथ जाना नहीं चाहता। उन्हें गुमराह करके बेंगलुरु ले जाया गया है। इनमें से ज्यादातर का कहना है कि वे भाजपा में जाने को तैयार नहीं हैं।

3 वरिष्ठ नेता भी भोपाल आएंगे

आलाकमान ने दिल्ली से 3 महासचिवों दीपक बावरिया, मुकुल वासनिक और हरीश रावत को भोपाल भेजने का फैसला किया है। इन्हें कांग्रेस विधायकों से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है। तीनों नेता आने वाले कुछ दिनों तक भोपाल में ही डेरा जमाएंगे।

विधायकों के संपर्क में हैं डीके शिवकुमार

डीके शिवकुमार बेंगलुरु में रुके पार्टी के विधायकों के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि वे विधायकों को मनाने के बाद विधायकों को लेकर पहले दिल्ली और फिर भोपाल ला सकते हैं। कमलनाथ के दिल्ली जाने की खबर है और वे बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल सकते हैं।

कांग्रेस की दो रणनीतियां

फ्लोर टेस्ट पास करें: बेंगलुरु गए विधायकों को जल्द से जल्द मनाकर पार्टी के साथ लाया जाए। अगर फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनती है तो बेंगलुरु गए विधायकों की मदद से कांग्रेस बहुमत साबित कर सकती है। विधायक नहीं माने तो इस स्थिति में कांग्रेस सरकार संकट में आ जाएगी।

सभी कांग्रेस विधायक इस्तीफा दे दें: अगर इस्तीफा देने वाले विधायकों को मनाने में कांग्रेस नाकाम होती है तो वह अपने सभी विधायकों को इस्तीफा देने के लिए भी कह सकती है। अगर सदन में 50% विधायक इस्तीफा दे देते हैं और मुख्यममंत्री कमलनाथ विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दें तो मध्यावधि चुनावों की नौबत आ सकती है। मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इन सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया गया है।

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