नई दिल्ली। निर्भया के गुनहगार फांसी से बचने के लिए नए पैंतरे इस्तेमाल कर रहे हैं। चार में से एक दोषी मुकेश सिंह ने बुधवार को वकील के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर की। इसमें कहा गया है कि गैंगरेप वाली रात मुकेश दिल्ली में ही नहीं था।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। मंगलवार को उसकी यही अर्जी ट्रायल कोर्ट खारिज कर चुका है। इसी फैसले के खिलाफ उसने हाईकोर्ट का रुख किया था। चारों दोषियों की फांसी तीन बार टल चुकी है। इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की कोर्ट ने चारों गुनहगारों मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय सिंह (31) को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी देने का वॉरंट जारी किया था।

गैंगरेप के वक्त घटनास्थल पर ही नहीं था

दोषी मुकेश की अर्जी पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा; के लिए इमेज नतीजे

मंगलवार को मुकेश के वकील एमएल शर्मा ने ट्रायल कोर्ट में अपील दायर की। कहा, “मेरे मुवक्किल को 17 दिसंबर को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था। गैंगरेप के वक्त वो घटनास्थल पर ही नहीं था। जेल में उसे टॉर्चर भी किया गया।

निचली अदालत ने अपील खारिज कर दी। यही अपील नए सिरे से दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को दायर की गई। इसमें ट्रायल कोर्ट के अर्जी खारिज करने के फैसले को चुनौती दी गई। ये भी कहा गया कि सजा-ए-मौत को बदला जाए। हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई की। बाद में फैसला सुरक्षित रखा।

जेल प्रशासन ने जल्लाद को बुलाया

तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को फांसी देने की तैयारी शुरू कर दी है। जेल अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी पवन जल्लाद को फांसी देने के दिन से तीन दिन पहले यानी 17 मार्च को ही तिहाड़ जेल बुला लिया है। डमी को फांसी देकर टेस्टिंग भी बुधवार सुबह की गई।

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