भोपाल। मध्यप्रदेश चल रही सियासी जंग अंततः शुक्रवार को खत्म हो गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले अपना इस्तीफा दे दिया। इससे पहले उन्होंने प्रेस कांफ्रेस सीएम कमलनाथ ने भाजपा पर सरकार गिराने का आरोप लगाया और अपने 15 महीने के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई। प्रेस कांफ्रेस के बाद सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने की घोेषणा की।

बता दें कि गुरुवार को 16 बागी इस्तीफा स्वीकार करने के बाद यह कयास लगाने जाने लगे थे कि मध्यप्रदेश सरकार अल्पमत में आ गई है। वहीं आज सुबह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बयान जारी कर कहा था कि कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं है।

प्रेस कांफ्रेंस में सीएम कमलनाथ ने कहा कि 15 महीनों में हमने 400 वचनों को पूरा किया। हमारा वचनपत्र पांच साल के लिए था। 15 महीने में हमने प्रदेश को माफिया मुक्त किराया। बीजेपी नहीं चाहती थी कि हम ऐसा करे।

राज्य की जनता के साथ विश्वासघात हुआ है। ये विश्वासाघात मध्य प्रदेश की जनता के साथ हुआ है। बीजेपी को 15 साल मिले थे। आज तक मुझे केवल 15 महीने मिले। ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में गुजरे। इन 15 महीनों मे राज्य का हर नागरिक गवाह है कि मैंने राज्य के लिए जन हितैषी कार्य किया। लेकिन बीजेपी को ये काम रास नहीं आए और उसने हमारे खिलाफ निरंतर काम किया।

हमने काम किया, भाजपा साजिश करती रही

कमलनाथ ने कहा कि 11 दिसंबर 2018 को मध्यप्रदेश विधानसभा का परिणाम आया। मेरे 40 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने हमेशा विकास में विश्वास रखा है। भाजपा को 15 साल मिले। मुझे 15 महीने मिले। ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में गए।

प्रदेश का हर नागरिक गवाह है कि भाजपा को प्रदेशहित में किए गए मेरे काम रास नहीं आए। बौखलाहट में वे मेरे खिलाफ साजिश करते रहे। आप सब जानते हैं कि महीनेभर में जब हमारी सरकार बनी थी तो हर 15 दिन में भाजपा नेता कहते थे कि ये सरकार पंद्रह दिन-महीनेभर की सरकार है।

सीएम कमलनाथ ने कहा कि आज हमारे 22 विधायकों को प्रलोभन देकर बंधक बनाने का काम किया है। करोड़ों रुपए खर्चकर प्रलोभन का खेल खेला गया। आज पूरा प्रदेश इसका गवाह है। एक महाराज और उनके द्वारा प्रोत्साहित 22 लोभियों के साथ मिलकर भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है। प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने वाले इन लोभियों और बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।

पिछले 15 महीने में हमने कई बार विधानसभा में बहुमत साबित किया। हमने जब यह बहुमत साबित किया तो उन्होंने इसे बर्दाश्त नहीं किया। मेरी सरकार को अस्थिर कर प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया गया।

भाजपा को चिंता है कि प्रदेश नई दिशा में चल रहा है। वो लगे रहे कि वे मेरी सरकार को अस्थिर कैसे किया जाए। 15 महीनों में हमने तीन लाख किसानों का कर्ज माफ किया। दूसरे चरण में साढ़े सात किसानों के कर्ज माफ करने की प्रक्रिया हुई।’’

हम झूठी घोषणाएं नहीं करते

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की सड़कों पर घूम रही हमारी गो-माता के संरक्षण के लिए एक हजार गोशाला बनाने का फैसला किया। यह भाजपा को रास नहीं आया। प्रदेश की जनता को 100 यूनिट बिजली का फायदा प्रदेश के 1 करोड़ लोगों को हुआ। भाजपा को यह भी रास नहीं आया।

कन्या विवाह में 28 हजार से बढ़कर 51 हजार रुपए की मदद की। भाजपा को यह रास नहीं आया। राम वनपथ गमन के निर्माण का संकल्प लिया। सीता माता का मंदिर श्रीलंका में बनाने का निर्णय लिया। यह भाजपा को रास नहीं आया।

कमलनाथ ने कहा कि हमने ओंकारेश्वर मंदिर के विकास की योजना बनाई। यह भाजपा को रास नहीं आया। पुजारियों का मानदेय हमने तीन गुना बढ़ाया। यह भाजपा को रास नहीं आया। आदिवासी भाइयों के लिए काम किया।

वहां स्कूल खोले। 15 महीने में हमने 400 वादे पूरे किए। भाजपा को यह रास नहीं आया। आरक्षण का प्रावधान किया। भाजपा को यह रास नहीं आया। आर्थिक रूप से सामान्य कमजोर वर्ग के लिए काम किया। यह भी रास नहीं आया।

प्रदेश में निवेश विश्वास से आता है। हमने मध्यप्रदेश को ऐसा प्रदेश बनाया, जहां झूठी घोषणाएं नहीं थीं। 15 महीने में हमारी सरकार में किसी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। हम विकास के पथ पर हम हमेशा रहेंगे। चुनौतियों का हम डटकर मुकाबला करेंगे। कर्तव्य पथ पर न रुकेंगे, न डिगेंगे।

कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सोचती है कि वह मेरे प्रदेश को हराकर जीत सकती है। व न मेरे प्रदेश को हरा सकती है और न मेरे हौसले को हरा सकती है। हमारे पास पद हो या नहीं हो, प्रदेश के हमारे नौजवान, पिछड़ा वर्ग और किसानों के हित के काम में हम लगे रहेंगे।

9 मार्च को 16 विधायकों को लेकर ले गए थे। किसने पैसा दिया, किसने दबाव डाला, ये समय के साथ सामने आ जाएगा। आज के बाद कल आता है, कल के बाद परसों भी आता है। परसों आएगा। जनता तय करेगी। मैंने यह तय किया है कि मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं और इसका कारण यह है कि जिन सिद्धांतों का पालन मैंने किया है।

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