TRPDESK. कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के नाम बदलने पर भूपेश कैबिनेट की मुहर लग गई है. कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय अब चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर समर्पित किया गया है. बता दें कि जुलाई-2019 में राजधानी के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाक़ात कर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम बदलने की मांग की थी. पत्रकारों ने कहा था कि कुशाभाऊ ठाकरे का योगदान न तो पत्रकारिता में है न ही उनका छत्तीसगढ़ से किसी प्रकार का जुड़ाव रहा है.

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था. पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से कहा था कि सरकार को पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम चंदूलाल चंद्राकर या माधवराव सप्रे के नाम पर रखना चाहिए. जो छत्तीसगढ़ और पत्रकारिता दोनों से जुड़े रहे. पत्रकारों ने छत्तीसगढ़ के दोनों हस्तियों के योगदान का ज़िक्र भी अपने आवेदन में किया था. पत्रकारों ने सीएम भूपेश बघेल से कहा था कि चंदूलाल चंद्राकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार रहे हैं. छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय और विश्व पटल पर वे पत्रकारिता के आधार स्तंभ रहे हैं.

वहीं पं. माधव राव सप्रे को छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के जनक के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने पेंड्रा जैसे एक छोटे से नगर से ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ नामक पत्रिका से प्रदेश में पत्रकारिता की शुरुआत की थी. इससे पहले पत्रकारों ने उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से मुलाक़ात कर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम बदलने की मांग की थी. मंत्री उमेश पटेल ने पत्रकारों की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था.