रायपुर/राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में इस वक्त कोरोना संक्रमण के 6 मरीज सामने आ चुके हैं, जिसमें से राजनांदगांव में मिले एक संक्रमित का इलाज भारत रत्न अटलबिहारी वाजपेयी स्मृति मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव में किया जा रहा है। शेष 5 मरीजों को उपचार के लिए रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया। लेकिन मेडिकल कॉलेज के जिस वार्ड को कोरोना मरीज के उपचार के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है वो खुद ही सुरक्षित नहीं दिख रहा है। जो तस्वीर आप इस आइसोलेशन वार्ड की देख रहे हैं वो अपने आप में डराने वाली है। वार्ड की छतों को ना तो ठीक से आइसोलेट किया गया है और ना ही मेडिकल मानक के अनुसार डोर लॅाक सिस्टम की पुख्ता व्यवस्था की गई है।

मरीजों के साथ चिकित्सा स्टाफ भी डरे हुए
राजनांदगांव जिले के जिला अस्पताल में बनाएं गए आइसोलेशन वार्ड की हालत देख आम लोग ही नहीं डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ भी डरे हुए हैं। इस आइसोलेशन वार्ड को पूरी तरह से आइसोलेट नहीं किया गया है। दरवाजे भी पूरी तरीके से पैक नहीं किए गए हैं जिससे संक्रमित लोगों के संपर्क में आने का सीधा खतरा बना हुआ है।
जिला अस्पताल में कार्य करने वाले मेडिकल स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ में लगातार खौफ बना हुआ है। जिला अस्पताल में अन्य मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है ऐसे में उन मरीजों में भी के संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
जरा सी लापरवाही बन सकती है बड़ी चूक
इस मामले में टीआरपी ने राजनांदगांव के सीएचएमओ व मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक से उनका पक्ष जानने कई कॉल किए पर फोन रिसीव नहीं किया गया। बता दें कि कोरोना पाजिटिव के उपचार के लिए डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्धारित मानक तय किए हैं। जिसके पालन की सख्त हिदायत दी गई है। मगर राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में इस वक्त जो हालात दिख रहे हैं वो जानलेवा साबित हो सकते हैं। जिला प्रशासन और प्रदेश की हेल्प लाइन को इस मामले में संज्ञान लेना होगा वरना संक्रमण फैलने से हजारों जानें खतरे में पड़ जाएंगी।
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