छत्तीसगढ़ में 99 प्रतिशत रिकवरी, 10 में से 9 मरीज ठीक होकर घर लौटे

टीआरपी न्यूज/रायपुर। देशभर में कोरोना संक्रमण की चपेट आने वाले मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं, इसके उलट छत्तीसगढ़ से हर रोज राहत भरी खबर आ रही है जो प्रदेश ही नहीं ​बल्कि देशभर का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं।

सोमवार को कोरबा के उस मरीज को भी रायपुर एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया जिसे कोरोना संक्रमण की वजह से यहां भर्ती कराया गया था। अब केवल एक मरीज ही बाकी है जिसका उपचार एम्स में चल रहा है।

आंकड़ों की अगर बात करें तो छत्तीसगढ़ में अब तक 10 मरीजों को कोरोना संक्रमित पाया गया था जिनमें से 9 की मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है। 10 मरीजों में से 9 ठीक होकर घर लौट चुके हैं यानि 99 प्रतिशत रिकवरी…।

कोरोना संक्रमण की खिलाफ इस लड़ाई में छत्तीसगढ़ को लगातार​ मिल रही सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तुरंत फैसले लेने की उनकी छवि और प्रशासनिक अमले के एक्टिव मोड को दिया जा सकता है।

छत्तीसगढ़ के लिए ये भी राहत वाली खबर है कि छत्तीसगढ़ को देश के उन टॉपटेन राज्यों में शामिल किया गया है जिन्होंने कोरोना के खिलाफ कारगर लड़ाई लड़ी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय केबिनेट सचिव राजीव गाबा भी इसकी तारीफ कर चुके हैं।

आज हम आपको बता रहे हैं कोरोना संक्रमण की खिलाफ इस लड़ाई में छत्तीसगढ़ को लगातार​ मिल रही सफलता के पीछे 24 घंटे लगातार अपने काम पर जुटे उन अफसरों के बारे में जो सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रशासनिक अमले की लगाम संभाले हुए हैं।

सुब्रत साहू

भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1992 बैच के ओ​डिशा कैडर के वरिष्ठ अधिकारी सुब्रत साहू जो इस वक्त मुख्यमंत्री सचिवालय का एसीएस की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्हें बिजली कंपनियों के चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ की ब्यूरोक्रेसी में सुब्रत साहू को एक कमर्ठ व प्रभावशाली अधिकारी माना जाता है। इससे पहले वे राज्य में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। उनके इस पद पर रहते हुए राज्य विधानसभा चुनाव 2018 तथा लोकसभा चुनाव 2019 हुए थे। ये दोनों चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए थे।

मुख्यमंत्री सचिवालय का एसीएस की जिम्मेदारी संभाल रहे सुब्रत साहू पर ये जिम्मेदारी है कि वे मुख्यमंत्री से मिलने वाले हर निर्देश को राज्य की ब्यूरोक्रेसी से कॉर्डिनेट कर फौरन अमल में लाएं, जिसे वे बखूबी अंजाम दे रहे हैं।

सौम्या चौरसिया

राज्य प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी सौम्या चौरसिया इस वक्त सीएम सचिवालय में उप सचिव पद की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। जो इस वक्त सीएम सचिवालय के कोरोना वाररूम में 24 घंटे मुख्यमंत्री से मिले निर्देशों को जिलों के कलेक्टर और एसपी तक पहुंचा रही हैं। वे इस वक्त कम्युनिकेशन की बड़ी जिम्मेदारी संभाल रही हैं। उन्हें कॉर्डिनेशन की ​भी जिम्मेदारी दी गई है।

तारण प्रकाश सिन्हा

मुख्यमंत्री सचिवालय के उप सचिव तारण प्रकाश सिन्हा 2012 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर आईएएस अधिकारी हैं वे इस वक्त सीएम सचिवालय के अलावा संचालक जनसंपर्क विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इस वक्त वे कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वे सभी जानकारी लोगों तक पहुंचा रहे है जो लोगों की जान बचा सकता है। इसके अलावा सीएम के जनता के नाम संबोधन व कोरोना लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की जनता के हित के लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों को सभी तक पहुंचाने के काम में डटे हुए है। कोरोना संक्रमण की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान जिलों से आने वाली खबरों और लोगों को हो रही परेशानी से सीएम तक पहुंचाने में अहम रोल निभा रहे हैं।

सोनमणि बोरा

राज्यपाल के प्रमुख सचिव व मंत्रालय में श्रम सचिव की दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे सोनमणि बोरा 1999 बैच के असम कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। सोनमणि बोरा इससे पहले कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रह चुके हैं। जिन पर कोरोना लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के गरीब श्रमिक वर्ग का विशेष ध्यान रखने की जिम्मेदारी है। आपको याद दिला दें कि जम्मू​.कश्मीर व अन्य राज्यों में लॉकडाउन में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों को जरूरी मदद दिलाने में सोनमणि बोरा ने तुरंत पहल की और इन श्रमिकों को वहां की राज्य सरकार ने खाने पीने, दवा व अन्य जरूरी सामान मुहैय्या कराए हैं। वहीं प्रदेश के श्रमिक वर्ग भी इस समय सरकार की मदद से मिलने वाली राहत से अपने घरों में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

आर प्रसन्ना

2004 बैच के तामिलनाडु केडर के आईएएस आर प्रसन्ना इस वक्त मंत्रालय महानदी भवन में सचिव समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
इस वक्त समाज के कमजोर वर्गों के लिए राज्य सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसले को तुरंत जमीनीस्तर पर लागू कराने की जिम्मा इनका है। बता दें कि इससे पहले आर प्रसन्ना प्रदेश के स्वास्थ्य संचालक रह चुके हैं। आपको याद दिला दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि समाज का कोई व्यक्ति भूखा ना सोए अधिकारी इसका ध्यान रखें, जिसे  वे बखूबी निभा रहे हैं।लॉकडाउन के दौरान लोगों तक सरकार द्वारा समाज के कमजोर वर्गों तक मदद पहुंचाने के लिए विभागीय अधिकारियों से कार्डिनेट करने की जिम्मेदारी इन्हें ही सौंपी गई है।

फैक्ट फाइल

प्रदेश में शिविरों के माध्यम से पांच अप्रैल को राज्य के रायपुर जिले में 16 हजार 694 जरूरत मंद लोगों को भोजन और राशन उपलब्ध कराया गया। सुकमा जिले में 10 हजार 657 जरूरत मंदों को भोजन और राशन प्रदान किया गया है। साथ ही मास्क आदि भी प्रदान किया गया है। इसी प्रकार राजनांदगांव में 19 हजार 848, रायगढ़ 2 हजार 438, बस्तर में 18 हजार 218, कांकेर में 32 हजार 439, बीजापुर में 600, जशपुर में एक हजार 35, कोरिया में 16 हजार 241, सूरजपुर में 2 हजार 267, बालोद में 707, कबीरधाम में 413, बलौदाबाजार में 6 हजार 699, धमतरी में 2 हजार 491, दुर्ग जिलें में 46 हजार 618, महासमुंद में 757, बलरामपुर में 4 हजार 937, कोरबा में 6 हजार 672, सरगुजा में 2 हजार 273, जांजगीर-चांपा में एक हजार 963, बिलासपुर में 5 हजार 971, कोण्डागांव जिले में 2 हजार 76, दंतेवाड़ा में 24 हजार 26, बेमेतरा में 75, गरियाबंद में 14 हजार 45, नारायणपुर जिले में 845, मुंगेली में 11 हजार 672 तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में एक हजार 16 जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन, राशन एवं अन्य सहायता उपलब्ध कराई गई हैं।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।