TRPDESK.दिल्ली के एक कांग्रेसी नेता और पूर्व निगम पार्षद पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है. आरोप है कि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि वो तबलीगी जमात के कार्यक्रम में निजामुद्दीन मरकज़ गए थे.  पूर्व पार्षद, उनकी पत्नी इस समय पार्षद हैं और उनकी बेटी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

पुलिस का कहना है कि उनकी लापरवाही की वजह से दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में उनके गांव दीनपुर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. इसका मतलब हुआ कि इस एरिया को सील कर दिया गया है. यहां के लोग अपने घरों से नहीं निकल सकते हैं. तीनों को आंबेडकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.

पुलिस के मुताबिक, तबलीगी जमात के कार्यक्रम में निजामुद्दीन मरकज़ जाने वाले लोगों की लिस्ट मांगी गई थी. लेकिन वहां जाने की बात पूर्व पार्षद ने नहीं बताई. जानकारी छिपाई. बाद में उनमें कोरोना वायरस के लक्षण मिले और टेस्ट में रिजल्ट पॉजिटिव आया.

एक सीनियर अधिकारी ने कहा, जब हम पूछताछ कर रहे थे तो उनमें किसी तरह का लक्षण नहीं दिख रहा था. लेकिन बाद में जब हमने तकनीकी जांच की. तो पता चला कि वह तबलीगी जमात में गए थे. नेता को होम क्वारंटीन किया गया था, लेकिन जांच के दौरान वो घर पर नहीं मिले.

पूर्व पार्षद ने बार-बार इस बात से इनकार किया वो तबलीगी जमात में गए थे. लेकिन पुलिस ने उनकी कॉल रिकॉर्ड खंगाली. और जांच की तो सच्चाई सामने आ गई.

पुलिस का कहना है कि 250 घरों वाले दीनपुर गांव को सील कर दिया गया है. गांववालों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों में रहें. जरूरत की चीजें सरकार मुहैया कराएगी. इसके लिए सरकारी एजेंसियों से संपर्क करना होगा.

दिल्ली में कोरोना के 700 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से ज्यादातर तबलीगी जमात से जुड़े हैं. दिल्ली पुलिस राजधानी के 22 हॉटस्पॉट के सभी निवासियों के कॉन्टैक्ट की ट्रैकिंग कर रही है. पुलिस अधिकारी 10,000 से अधिक मोबाइल फोन की रिकॉर्डिंग स्कैन कर रहे हैं. एक अधिकारी ने कहा कि कुछ मामलों में जब लोग सच्चाई नहीं बता रहे हैं या तथ्यों को छिपा रहे हैं, तो हम आक्रामक तरीके भी अपना रहे हैं. पुलिस और खुफिया एजेंसियों इस तरह के मामलों का पता लगाने के लिए गहराई से जांच पड़ताल कर रही हैं.

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