मल्टीपर्पज एप बनाने की संभावनाओं की तलाश में दोनों कंपनियां

पेमेंट, गेमिंग सहित सभी सुविधाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी

मुंबई। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज और मार्क ज़ुकेरबर्ग की फेसबुक मिलकर वॉट्सऐप प्लेटफॉर्म और यूजर बेस का फायदा उठाकर चाइनीज सुपर-ऐप वी-चैट के समान मल्टीपर्पज ऐप बनाने की संभावनाएं तलाश रही हैं। दोनों कंपनियां मिलकर इस प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग, टेक्निकल जानकारियां और डोमेन विशेषज्ञता जुटाएंगी।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस ऐप को लांच करने के पीछे यही विचार है कि इसके माध्यम से यूजर रिलायंस रिटेल स्टोर्स या जियो डॉटकॉम से किराने का सामान खरीद सकेंगे और जियो मनी का उपयोग करके भुगतान कर सकेंगे।

वी-चैट की तर्ज पर एक सुपर-ऐप बनाने की योजना इसलिए भी है कि यह अन्य सुविधाओं के साथ डिजिटल पेमेंट, सोशल मीडिया, गेमिंग, एयर टिकट बुकिंग और होटल बुकिंग को भी आपस में जोड़ती है।

मॉर्गन स्टैनली इनवेस्टमेंट बैंकर नियुक्त

इस तरह का एक एप्लिकेशन से रिलायंस इंडस्ट्रीज दो तरह का लाभ प्रदान करेगा। यह उपभोक्ता व्यवसायों के लिए बीटूसी प्लेटफॉर्म प्रदान करने के साथ ही उपयोगकर्ताओं के खर्च की आदतों पर जानकारी भी प्रदान करेगा। परियोजना के लिए वर्तमान में कॉमर्शियल प्रयोग चल रहा है। इस काम के लिए मॉर्गन स्टेनली को इन्वेस्टमेंट बैंकर नियुक्त किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार इस बारे में चल रही बातचीत को अलग-अलग तरीके से खंगाला जा रहा है। कॉमर्शियल मोर्चे पर काम कर रहे किसी को पता नहीं होगा कि टेक्नोलॉजी या सौदे के वित्तीय पहलुओं पर क्या हो रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ एक वित्तीय निवेश न होकर, एक निर्णायक साझेदारी होगी। यह डील वैल्यू और एक ऐसा बिजनेस बनाने के बारे में है जो फेसबुक और रिलायंस दोनों को अलग तरीके से परिभाषित करेगी।

अंतिम संरचना स्पष्ट नहीं

रिपोर्ट के अनुसार स्थिति बिल्कुल स्पष्ट नहीं है और यह भी स्पष्ट नहीं है कि इसकी अंतिम संरचना किस तरह होगी। इस डील पर काम कर रही एक टीम से जुड़े एक सूत्र का ने बताया कि एक नई कंपनी बनाई जा सकती है जहां दोनों कंपनियां निवेश कर सकती हैं या फेसबुक रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल में निवेश कर सकता है और इस तरह से नए वेंचर के लिए पार्टनरशिप हो सकती है।

10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की योजना

फाइनेंशियल टाइम्स ने 24 मार्च को खबर दी थी कि फेसबुक की नजर रिलायंस जियो में मल्टीबिलियन डॉलर की हिस्सेदारी पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक रिलायंस जियो में ‘अरबों डॉलर’ खर्च कर 10% हिस्सेदारी खरीद सकता है।

एक और सूत्र का कहना है कि एक कॉमर्शियल एग्रीमेंट होने जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनियां एक साथ कैसे आएंगी क्योंकि बहुत कुछ वाणिज्यिक रिश्तों पर भी निर्भर करेगा। यह भी देखने वाली बात होगी कि टेक्निकल जानकारी दोनों कंपनियों को कैसे करीब लाएगी।

पैसे जुटाने की तलाश में है रिलायंस इंडस्ट्रीज

मामले के करीबी लोगों ने यह भी संकेत दिया कि कॉविड-19 महामारी के कारण इस सौदे में अधिक समय लग सकता है। उनका कहना है कि रिलायंस रिटेल के लिए प्राथमिकता स्टोर को चालू रखना है ताकि उपभोक्ताओं को आपूर्ति मिल सके।

इसके अलावा अभी यात्रा पर प्रतिबंध हैं, जो समस्याएं खड़ी कर रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि कंपनी रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के लिए पैसा जुटाने की तलाश में है। उन्होंने आगे कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पैसा एक निवेशक से आता है या किसी अन्य से।

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