टीआरपी न्यूज /रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ एसीबी ने जुर्म दर्ज कर लिया है। मामले में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के एक टेंडर में किए गए संगठित और योजनाबद्ध भ्रष्टाचार को लेकर आर्थिक CBI ने निगम के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ एक सप्लायर फर्म होप इंटरप्राइजेस के खिलाफ भी भ्रष्टाचार और साजिश का मामला दर्ज किया है।
कपटपूर्वक तैयार झूठी निविदाओं से लाभ पहुंचाने के आरोप
मामले की जानकारी देते हुए एसीबी के एडीजी जीपी सिंह ने बताया कि होप इंटरप्राइजेस को अकेले को काम देने के लिए और लाभ पहुंचाने के लिए अशोक चतुर्वेदी और कमेटी के सभी सदस्यों ने कपटपूर्वक जालसाजी से तैयार और झूठी निविदाओं पर फैसला लिया और होप इंटरप्राइजेस को करोड़ों का काम दिया।
उन्होंने बताया कि इस टेंडर में चार आवेदक बताए गए, लेकिन जांच में साबित हुआ कि होप इंटरप्राइजेस को काम देने के लिए बाकी फर्मों के नाम से झूठी निविदाएं पेश की गईं, जिनमें कागजात भी जालसाजी से बनाए गए, नकली बिजली बिल बनाए गए, बिजली बिल छाप लिए गए, निविदाकारों की ओर से दस्तखत भी नहीं किए गए और इन फर्मों की तरफ से जो ईएमडी और बैंक ड्रॉफ्ट लगाए गए वे भी होप इंटरप्राइजेस के कर्मचारी बृजेन्द्र तिवारी के द्वारा पेश किए गए।
यह है पूरा मामला
जीपी सिंह ने बताया कि इन फर्मों की ओर से कोई भी टेंडर भरा नहीं गया था, बल्कि होप इंटरप्राइजेस को मनमानी दरों पर न्यूनतम दर वाला घोषित करने के लिए टेंडर कमेटी ने ही यह साजिश की। जिन फर्मों के नाम से टेंडर शामिल किए गए, उनके कागजात पूरी तरह से जालसाजी से बनाए गए और होप इंटरप्राइजेस को साढ़े छह करोड़ से अधिक का काम दिया गया।
एसीबी ने टेंडर कमेटी या तकनीकी कमेटी के सारे ही सदस्यों को इस जालसाजी में शामिल पाया है और उन पर आपराधिक साजिश करने, जालसाजी करने, शासन को धोखा देने की कई धाराओं के तहत जुर्म कायम किया गया है। इन अधिकारियों के अलावा होप इंटरप्राइजेस का कर्मचारी बृजेन्द्र तिवारी भी आरोपी बनाया गया है।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें
Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube पर हमें subscribe करें।