नई दिल्ली। सीमा पर चीन अपनी विस्तरवादी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच कुछ दिन पहले हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। डोकलाम विवाद के बाद पहली बार दोनों देशों के सेनाओं के बीच इतना तनाव देखा जा रहा है। चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेना भी सतर्क है।


बता दें कि लद्दाख के पेंगोंग सो सेक्टर में तीन स्थानों पर दोनों पक्षों के 250 से अधिक सैनिकों के बीच 5 और 6 मई को हिंसक झड़प हुई थी। दोनों तरफ से डंडे चले थे और पथराव हुआ था।  वहीं एक सूत्र ने कहा, ‘अब तनाव की स्थिति नहीं है। हम वेट एंड वॉच की मुद्रा में हैं।’ दोनों देशों के बीच लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किमी लंबी सीमा है।

इस बीच लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास चीन की सेना के हेलिकॉप्टर दिखने के बाद भारतीय वायुसेना सतर्क हो गई। भारतीय वायुसेना ने भी उस इलाके में फाइटर जेट (लड़ाकू विमानों) से पेट्रोलिंग शुरू कर दी। एलएसी के पास चीन के हेलिकॉप्टर पिछले हफ्ते उसी दौरान देखे गए जब उत्तरी सिक्किम के इलाके में चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों में झड़प हुई थी। न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक चीन के हेलिकॉप्टरों ने एलएसी को क्रॉस नहीं किया।

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी इस साल अब तक कई बार एलएसी पर भारतीय सैनिकों से उलझ चुकी है। इसे देखते हुए भारतीय सेना का अनुमान है कि उसे इस साल मई से लेकर अक्टूबर तक इस तरह की और घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है और वह इसके लिए पूरी तरह तैयार है।

नए इलाकों पर है चीन की नजर

दोनों सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के तीन सेक्टरों पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल) तथा पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल) में आक्रामक गश्त कर रही हैं ताकि गर्मियों के दौरान विवादित इलाकों पर अपना दावा कर सकें। भारत का दावा है कि पीएलए की तरफ से हर साल करीब 300 से 400 तक इस तरह की कोशिशें होती हैं।

चौंकाने वाली बात है कि इस साल पीएलए ने कुछ नए इलाकों में इस तरह की हरकत की है। इनमें उत्तरी सिक्किम का नाकू ला इलाका भी शामिल है। करीब 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस इलाके में 9 मई को करीब 150 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। नाकू ला उन 23 विवादित और संवेदनशील इलाकों में शामिल नहीं है जहां दोनों तरफ से अक्सर झड़प होती है।

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