टीआरपी न्यूज/नई दिल्ली। विश्व में जीडीपी के लिहाज से भारत का राहत पैकेज पांचवां सबसे बड़ा पैकेज है। महामारी से उबरने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज जापान ने दिया, जो वहां की जीडीपी का 21.1% है। 13% के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर है। स्वीडन ने अपने कुल जीडीपी के 12% के बराबर राहत पैकेज दिया है, जो तीसरे स्थान पर है। 10.7% के साथ जर्मनी चौथे स्थान पर है।


पैकेज जीडीपी का 10%, यहां समझें पूरा गणित

पीएम मोदी ने पैकेज की घोषणा के समय स्पष्ट किया कि सरकार ने जो आर्थिक घोषणाएं की और जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, उनको मिलाकर पैकेज 20 लाख करोड़ का होता है। यानी 1.74 लाख करोड़ का पैकेज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पहले घोषित कर चुकी हैं। एक लाख करोड़ का पैकेज रिजर्व बैंक ने दिया है।
वित्तमंत्री आज शाम यानि बुधवार से सिलसिलेवार पैकेज का ब्योरा पेश करना शुरू करेंगी। इसकी राशि तकरीबन 17 लाख करोड़ होगी। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह करीब 13-14 लाख करोड़ ही होगी, क्योंकि आरबीआई की कुल रियायतें 5-6 लाख करोड़ होती हैं।

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एमएसएमई-किसानों पर फोकस…

श्रमिक-किसान जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
मध्य वर्ग जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है।
कुटीर व गृह उद्योग, लघु-मझोले उद्योग, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है।

इसके पीछे सरकार की मंशा श्रम, जमीन व कानूनों में व्यापक सुधार करेगी जो अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी को बढ़ाएंगे। पैकेज का बड़ा लाभ एमएसएमई और लघु उद्योगों के हिस्से में…यानी इस क्षेत्र में कर्ज के लिए बैंकों को बतौर गारंटी मिलेगा।

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