बिजनेस डेस्‍क। कोरोना वायरस का प्रकोप पूरे विश्व में बढ़ता ही जा रहा है। इस वजह से लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दी गई है। जिससे देश के आम लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है। सैलरी में कटौती का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले महीनों में भी लोग अपनी लोन ईएमआई चुकाने में सक्षम नहीं होंगे। ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लोन मोराटोरियम बढ़ाने पर विचार कर रही है। इससे पहले रिजर्व बैंक ने 31 मई तक लोन मोराटोरियम दिया था।

बता दे RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को ईएमआई चुकाने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। उन्‍होंने कहा कि लोन मोरैटोरियम की अवधि और तीन महीने यानी 31 अगस्‍त के लिए बढ़ाई जाती है। इससे पहले सभी टर्म लोन के लिए RBI ने 1 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक लोन मोरैटोरियम की सुविधा दी थी। लोन मोरैटोरियम की अवधि बढ़ाने का मतलब हुआ कि आप चाहें तो तीन और महीने तक अपने टर्म लोन की ईएमआई न दें। हालांकि, फाइनेंशियल प्‍लानर्स का कहना है कि अगर आप ईएमआई चुकाने में सक्षम हैं तो इसे चुकाते रहें। नहीं तो ब्‍याज का बोझ बढ़ता चला जाएगा।

रेपो रेट में RBI ने की 0.40 फीसद की कटौती

भारतीय रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट में 0.40 फीसद की कटौती की कटौती की है। इसके बाद रेपो रेट अब 4 फीसद पर आ गया है। इससे लोन की ब्‍याज दरों में कमी आएगी। दूसरी तरफ, जमा पर मिलने वाला ब्‍याज भी घटेगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में 0.40 फीसद की कटौती के लिए 5-1 के अनुपात में वोट किया। रेपो रेट घटने के बाद रिवर्स रेपो रेट भी उसी अनुपात में घटा है और यह 3.75 फीसद से घट कर 3.35 फीसद पर आ गया है।

क्‍या है रेपो रेट और आपको कैसे मिलेगा इसमें कटौती का फायदा

रेपो रेट वास्‍तव में वह दर है जिस पर कॉमर्शियल बैंक RBI से कर्ज लेते हैं। जब RBI रेपो रेट में कटौती करता है तो कॉमर्शियल बैंकों को रिजर्व बैंक से मिलने वाला लोन सस्ता हो जाता है इस कारण आम लोगों को भी सस्ती दरों पर लोन मिल जाता है। जो ग्राहक पहले से लोन लिए हुए हैं उनकी मासिक किस्‍त में ब्‍याज दर घटने के कारण कमी आ जाती है। इस प्रकार, ईएमआई का बोझ घट जाता है और लोन सस्‍ते हो जाते हैं।

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