टीआरपी न्यूज/मुंबई। कोरोना की वजह से लोगों की लाइफस्टाइल तो बदल ही रही हैं अब लोग ज्यादा सकर्तता बरत रहे हैं। इसका असर महिलाओं के फैशन पर भी दिखने लगा है। दरअसल फेस मास्‍क के उपयोग बढ़ने से होंठों को संवारने के लिए प्रयोग की जाने वाली लिपस्टिक की बिक्री एकदम से घट गई है। बता दें कि कोरोना से बचाव के लिए फेस मास्‍क लगाना अनिवार्य है, इसके चलते ल‍िपस्‍ट‍िक का इस्‍तेमाल नहीं हो रहा है। लिपस्टिक की बिक्री में गिरावट इसलिए आई है क्‍योंकि महिलाएं घरों में हैं. उनके मेकअप के तौर-तरीकों में बड़ा बदलाव हो रहा है।


बाहर निकलने पर मास्‍क पहनना अनिवार्य


आपको बता दें कि सरकार ने बाहर निकलने पर मास्‍क पहनना अनिवार्य कर दिया है वहीं सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियमों के कारण मेलजोल की गुंजाइश भी नहीं बची है। ऐसे में फोकस लिपस्टिक से हटकर आई (आंख) मेकअप पर चला गया है और आगे भी इसी ट्रेंड के बने रहने की उम्‍मीद है। कई संस्‍थान लॉकडाउन के बाद वर्कप्‍लेस पॉलिसी में दफ्तर में मास्‍क पहनना अनिवार्य कर रहे हैं।


कंज्यूमर के बिहेवियर आए बदलाव पर फोकस कर रहीं कॉस्मेटिक कंपनियां

बता दें कि कंज्यूमर के बिहेवियर में बदलाव को ध्यान में रखते हुए कॉस्मेटिक प्रोडक्‍ट बनाने वाली कंपनियां फिलहाल काजल, आईशैडो, मस्‍कारा, आईलाइनर जैसे उत्‍पादों की मैन्‍यूफैक्‍चरिंग को बढ़ावा दे रही हैं।

लॉरियाल इंडिया जैसी ब्यूटी प्रोडक्ट बेचने वाली एक कंपनी का मानना है कि कोविड-19 की वजह से आई शैडो की बिक्री काफी ज्‍यादा बढ़ी है। इंडस्‍ट्री के सूत्रों ने कहा कि भारत हमेशा से ही आई मेकअप मार्केट रहा है। कुल ब्‍यूटी बिजनेस में आई मेकअप का मार्केट शेयर 36 फीसदी, जबकि लिपस्टिक का 32 फीसदी है।

वहीं दूसरी ओर जानकारों का मानना है कि भले ही लिपस्टिक का इस्तेमाल कम हुआ हो। लेकिन, लोग अब पर्सनल केयर प्रोडक्ट जैसे लिप बॉम और स्किन केयर पर ज्यादा पैसा खर्च करेंगे। कंपनियों को लगता है कि लिपस्टिक में गिरावट का दौर अस्‍थायी है और स्थितियों के सामान्‍य होने पर जल्‍द यह खत्‍म हो जाएगा।