टीआरपी डेस्क। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में शिक्षा विभाग में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में तैनात एक साइंस की टीचर ने एक साथ 25 स्कूलों में कथित तौर पर नौकरी करके तनख्वाह के तौर पर 13 महीने में एक करोड़ रुपए की कमाई की। ये मामला सच ह या झूठ इसे लेकर विभाग भी कंफ्यूज है। अब निदेशालय स्तर से जांच शुरु की गई है। जांच के बाद यदि मामला सही पाया गया तो शिक्षा विभाग ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश होगा।
बीएसए को वॉट्सऐप पर भेजा अपना इस्तीफा
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मैनपुरी की रहने वाली अनामिका शुक्ला नाम की टीचर प्रयागराज, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बागपत जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में बीते एक साल से ज्यादा समय से कथित तौर पर नियुक्त है। इन स्कूलों में टीचर की नियुक्ति कांट्रैक्ट बेसिस पर होती है। हर महीने 30 हजार रुपए की तनख्वाह दी जाती है। अनामिका फरवरी माह तक रायबरेली के कस्तूरबा गांधी में कार्यरत पाई गईं, जब यह मामला प्रकाश में आया। इसके बाद जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश ने टीचर को नोटिस दिया गया तो वह उपस्थित नहीं हुई। 26 मई को वॉट्सऐप पर अपना इस्तीफा भेज दिया।
फर्जीवाड़े का यह मामला सुर्खियों में आया तो विभाग के सीनियर अधिकारी हरकत में आए। अब आरोपी शिक्षिका अनामिका शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर मानदेय की रिकवरी की तैयारी की बात की जा रही है। वहीं, स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने कहा कि इस संबंध में विस्तृत जांच की जरूरत है। क्योंकि, सभी टीचर्स को प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन अपनी अटेंडेंस दर्ज करनी होती है। ऐसे में एक टीचर कई जगह अपनी उपस्थिति कैसे दर्ज करा सकती है?
मामले में महानिदेशक और बीएसए का बयान अलग-अलग
बछरावां में थी कार्यरत, जांच बढ़ी तो खुद दिया इस्तीफा: रायबरेली के बीएसए आनंद प्रकाश के अनुसार, छह जिलों में लेटर भेजकर सर्व शिक्षा अभियान की तरफ से अनामिका शुक्ला टीचर को चेक करने के लिए कहा गया था। उस लिस्ट में रायबरेली का नाम शामिल नहीं था। इसके बावजूद चेक कराया गया तो पाया गया कि हमारे बछरावां केजीबीवी में काम करती है। इस पर उसे नोटिस भेजा गया था। टीचर को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं आई। उसने 26 मई को वॉट्सऐप पर अपना इस्तीफा भेजा था। कार्यालय आकर किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया।
अभी किसी जिले में तैनाती या सैलरी लेने की पुष्टि नहीं हुई: यूपी स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि अनामिका नाम की टीचर को लेकर मार्च में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू कर दी गई थी। उन्होंने कहा- जिस-जिस जिले में टीचर की तैनाती बताई जा रही, उस जिले के मण्डलीय अधिकारी को जांच दी गई है। जांच में अभी तक किसी भी जिले में तैनाती और सैलरी लिए जाने की पुष्टि नहीं हुई है। जांच चल रही है। अगर गड़बड़ी पाई जाएगी, तो टीचर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।