नई दिल्ली। दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी ने अनुमान जताया है कि जून अंत तक दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर कम से कम एक लाख तक पहुंच सकती है। इस अनुमान के आधार पर, कमेटी ने सरकार से राजधानी में मरीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 15,000 बेड की व्यवस्था करने को कहा है।

कमेटी के अध्यक्ष डॉ. महेश वर्मा ने बताया कि हमने अहमदाबाद, मुंबई और चेन्नई जैसे अन्य शहरों के रुझानों को स्टडी किया है। हमारी गणना के अनुसार, जून के अंत तक राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख को पार कर सकता है। हमने 15,000 बेड की अतिरिक्त सुविधा तैयार करने की सिफारिश करते हुए सरकार को अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है। हम चाहते हैं कि किसी भी मरीज परेशानी न हो। हम वायरस से निपटने के लिए तैयार हो रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, डॉ. महेश वर्मा ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए इन बेड्स को होटलों में भी शिफ्ट किया जा सकता है, लेकिन उनमें ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति होनी चाहिए।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली की कोरोना का डबलिंग रेट 15 दिनों का है। हमारे अनुमानों के आधार पर, मरीजों की संख्या में वृद्धि होगी। लगभग 25 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी। अधिकांश मरीजों की चिकित्सा स्थिति ‘हाइपोक्सिया’ की होगी और 5 प्रतिशत मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी। इसलिए, हमने सरकार को मरीजों के लिए अधिक से अधिक ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा की व्यवस्था करने की सलाह दी है।
हाइपोक्सिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें मरीज का पूरा शरीर या शरीर का एक हिस्से पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को 15 जुलाई तक लगभग 42,000 बेड की आवश्यकता होगी।
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