नई दिल्ली। कोरोना वायरस काल में पेट्रो-डीजल के रेट बार-बार बढ़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। पत्र में कहा गया है कि अगर सरकार सच में लोगों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है तो उनके रास्ते में आर्थिक रुकावटें पैदा न करे। इसके साथ ही सरकार पर आरोप लगाया गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत रेकॉर्ड स्तर तक गिरने के बावजूद 6 सालों में लोगों को इसका लाभ कभी नहीं दिया गया।

सोनिया ने लिखा, ‘मौजूदा कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान भारत को स्वास्थ्य संबंधी, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मुझे इस बात की पीड़ा है कि ऐसे मुश्किल समय में सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का असंवेदनशील निर्णय लिया।’ उनके मुताबिक ऐसे समय सरकार के इस फैसले का कोई औचित्य समझ नहीं आता जब देश के करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई हैं, उनके सामने जीविका का संकट खड़ा है, छोटे, मध्यम एवं बड़े कारोबार बंद हो रहे हैं और किसानों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

पत्र में सोनिया लिखती हैं कि मार्च से अबतक अलग-अलग मौकों पर 10 बार पेट्रोल और डीजल के रेट बढ़ा दिए गए हैं जो कि किसी भी तरह से जायज नहीं हैं। सोनिया आगे लिखती हैं कि कोरोना के इस दौर में लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, नौकरियां जा रही हैं ऐसे में यह वृद्धि बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।

पत्र में लिखा गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले हफ्ते 9 प्रतिशत तक कम हुई फिर भी लोगों को इसका फायदा नहीं दिया गया। आगे लिखा है कि पिछले 6 सालों में कच्चे तेल की कीमत में रेकॉर्ड गिरावट के बावजूद एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर तेल के दाम बढ़ाए गए।

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