बॉलीवुड डेस्क। सुशांत सिंह राजपूत की मौत ( Sushant Singh Rajput Case ) के मामले में फिल्ममेकर और करणी सेना के नेता सुरजीत सिंह राठौर ने नया दावा किया है। राठौर का कहना है, “सुशांत की मौत से ठीक पहले की रात यानी 13 जून को रिया चक्रवर्ती सुशांत के घर में ही थीं। हालांकि, उसी रात झगड़े के बाद रिया ने घर छोड़ दिया था।

पहले भी खुलासा किया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया

न्यूज चैनल रिपब्लिक भारत की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरजीत से पूछा गया कि वे सुशांत ( Sushant Singh Rajput ) की मौत के तीन महीने बाद यह खुलासा क्यों कर रहे हैं? यह बात जांच अधिकारियों को क्यों नहीं बताई? जवाब में सुरजीत ने कहा कि सीबीआई ने उनसे संपर्क नहीं किया था। सुरजीत का कहना है कि उन्होंने पहले भी यह खुलासा किया था, लेकिन मीडिया ने उनके बयान को मिस कर दिया।

रिया के मॉर्चुरी वाले बयान का खुलासा भी किया था

सुरजीत ने इससे पहले अगस्त में रिया की कूपर हॉस्पिटल की मॉर्चुरी विजिट का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था, “रिया, उनके दोस्त सूरज सिंह के साथ वहां पहुंची थीं। सूरज ने कहा था कि रिया को आखिरी बार सुशांत का चेहरा दिखा दीजिए। मैंने पुलिस वालों से बात की और रिया को लेकर मॉर्चुरी के अंदर पहुंच गया। जैसे ही मैंने सुशांत के चेहरे से चादर हटाई, रिया ने उनके सीने पर हाथ रखा और कहा- ‘सॉरी बाबू’। हम 5 से 7 मिनट तक अंदर रुके रहे।”

भाजपा नेता ने भी किया था यही दावा

भाजपा नेता और एडवोकेट विवेकानंद गुप्ता ने एक चश्मदीद के हवाले से दावा किया था कि सुशांत की मौत ( Sushant Singh Rajput Case ) से ठीक एक दिन पहले यानी 13 जून को रिया उनसे (सुशांत) मिली थीं। रिया उस रात 2 से 3 बजे के आसपास सुशांत से मिली थीं। बाद में सुशांत उन्हें घर छोड़ने भी गए थे। ऐसे में रिया का यह कहना कि उन्होंने सुशांत का घर 8 जून को छोड़ दिया था, पूरी तरह झूठ है। हालांकि, इस बात की पक्की जानकारी सुशांत के फ्लैट-मेट रहे सिद्धार्थ पिठानी के ही पास है, क्योंकि सुशांत की मौत से एक दिन पहले उनके घर आने वाले लोगों के बारे में वे ही जानते हैं।

सुशांत केस में हत्या की धारा जोड़ने की तैयारी

सीबीआई अब इस केस में आईपीसी धारा 302 (मर्डर) को जोड़ने पर विचार कर रही है। एम्स की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट सबमिट कर दी है, जिसके बाद सीबीआई केस के दूसरे फेज की जांच शुरू करने वाली है। सुशांत के हाउस मैनेजर रहे सिद्धार्थ पिठानी को सरकारी गवाह बनाया जा सकता है।

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