नई दिल्ली। RBI Monetary Policy Committee Meeting रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक का आज 9 अक्टूबर को फैसला आएगा कि आम लोगों को ईएमआई (EMI) में राहत मिलेगी या नहीं। आरबीआई को फैसला लेना है कि क्या वह रेपो रेट चार फीसदी से कम करेगा।

हालांकि, महंगाई के कारण ऐसी उम्मीद कम है। नए सदस्यों के साथ आरबीआई ने बुधवार 7 अक्टूबर को बैठक शुरू की थी। पहले ये बैठक 29 से 1 अक्टूबर के लिए तय थी जिसे आरबीआई ने टाल दिया था।

अभी ये है रेपो और रिवर्स रेपो रेट

आरबीआई ने छह अगस्त को जारी नीतिगत समीक्षा में रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। केंद्रीय बैंक इससे पहले पिछली दो बैठकों में नीतिगत दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। फिलहाल रेपो दर 4 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमसीएफ) दर 4.25 प्रतिशत है।

रिजर्व बैंक की चुनौतियां

खुदरा महंगाई छह फीसदी से ऊपर होने से आरबीआई के लिए दरें घटाने का फैसला करना मुश्किल हो सकता है। करोना के प्रसार को देखते हुए सस्ते कर्ज के बावजूद उपभोक्ता कर्ज लेने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक दूसरे विकल्पों को तरजीह दे सकता है।

कटौती की उम्मीद क्यों

रिजर्व बैंक पर अर्थव्यवस्था को गति देने का दबाव होगा। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि उपभोक्ता मांग रिजर्व बैंक के उम्मीद के मुताबिक अभी तक नहीं बढ़ी है। उनका कहना है कि त्योहारों से पहले कर्ज सस्ता होने से उपभोक्ता मांग तेज हो सकती है। इससे उपभोक्ता और कंपनियों को फायदा होने के साथ अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि दरों में कटौती से त्योहारों पर कर्ज सस्ता होने से वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद की मांग में तेजी आने से रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।